Justice Kohli Says Courts Have Bolstered Indias Reputation For Arbitration – Amar Ujala Hindi News Live – Arbitration:न्यायालयों की वजह से मध्यस्थता में बढ़ी भारत की साख, Sc की जज बोलीं

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Justice Kohli says Courts have bolstered Indias reputation for arbitration

न्यायमूर्ति हिमा कोहली
– फोटो : ANI

विस्तार


सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश हिमा कोहली ने कहा कि न्यायालयों की मध्यस्थता ने भारत की खास को बढ़ाया है। मध्यस्थता के फैसलों को बरकरार रखने से ऐसा संभव हुआ है। खासकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले व्यापारिक मामलों में वैकल्पिक विवाद समाधान के तौर मध्यस्थता ने बड़ी भूमिका निभाई है। इससे साफ है कि भारत में अब मध्यस्थता के मामलों के लिए विशेष बार बनाने की जरूरत है। भारत इसका केंद्र बन सकता है।

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अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र (आईएएमसी), जनरल काउंसिल्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और कानून फर्म गिब्सन डन सचिवालय और यूएनयूएम लॉ की ओर से आयोजित सेमिनार व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए मध्यस्थता का विकास में बोलते हुए न्यायाधीश हिमा कोहली ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत ने मध्यस्थता सेवाओं के तौर पर विश्वसनीय भागीदारी हासिल की है। वाणिज्यिकत तौर पर मध्यस्थता और सुलह के मामलों को न्यायालय ने भी तेजी से निपटाया है। साथ ही कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं। इससे साफ है कि भारत मध्यस्थता के फैसलों का सम्मान करता है। 

उन्होंने कहा कि व्यापारिक मामलों में न्यायालयों ने मध्यस्थता का विकल्प देकर और न्यायिक हस्तक्षेप कम करके विवादों के समाधान की बेहतर पहल की। इससे विधायी सुधार तो हुए हैं। साथ ही मध्यस्थता के लिए वैश्विक केंद्र बनने की भारत की महत्वाकांक्षा को भी बल मिला है। इसलिए देश में एक मध्यस्थता बार बनाने की जरूरत है। जिसमें पूरी तरह से मध्यस्थता में लगे विशेषज्ञ और कानूनी लोग शामिल हों।

उन्होंने कहा कि सेमिनार और प्रशिक्षण सत्र मसौदा तैयार करने के चरण से लेकर फैसले को लागू करने तक मध्यस्थता प्रक्रिया के हर पहलू को ठीक करेंगे। इसके अलावा एक मध्यस्थता केंद्र के रूप में देश में विश्वास को बढ़ावा मिलेगा। न्यायाधीश ने कहा कि इससे मध्यस्थता को गति मिलेगी और अदालत में मुकदमे कम होंगे।

न्यायाधीश हिमा कोहली ने कहा कि मध्यस्थता और सुलह अधिनियम में हाल ही में संशोधनों ने कानूनों को अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं से जोड़ दिया और एक मध्यस्थता-समर्थक व्यवस्था को बढ़ावा दिया। जिसने वाणिज्यिक विवादों के समाधान में विश्वास को प्रेरित किया। मध्यस्थता प्रक्रिया में 2021 में हुए संशोधन का उद्देश्य नई चुनौतियों का समाधान करना और इसकी प्रभावशीलता में सुधार करना था। 

भारत के कई क्षेत्रों में विदेशी कानूनी फर्मों के काम करने को लेकर उन्होंने कहा कि यह युवा प्रतिभाओं को पश्चिमी देशों में साथियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के अवसर देगी। साथ ही  भारतीय कानून फर्मों को वैश्विक प्रथाओं को अपनाने में सक्षम बनाएगी।







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