झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के नव नियुक्त अध्यक्ष एल खियांग्ते ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से राजधानी रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में शिष्टाचार भेंट की। यह मुलाकात न सिर्फ प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे जेपीएससी की कार्यप्रणाली में गति लाने की दिशा में एक अहम कदम के तौर पर भी देखा जा रहा है। एल खियांग्ते को जेपीएससी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी ऐसे समय मिली है, जब आयोग लंबे समय से विभिन्न परीक्षाओं की अनिश्चितताओं और विवादों से घिरा हुआ है।
जेपीएससी की पुरानी छवि को सुधारना होगी सबसे बड़ी चुनौती
जेपीएससी लंबे समय से परीक्षा विलंब, परिणाम जारी न होने और पेपर लीक जैसी समस्याओं को लेकर छात्रों के आक्रोश का सामना करता रहा है। ऐसे में एल खियांग्ते के सामने सबसे बड़ी चुनौती आयोग की छवि को सुधारने की होगी। गौरतलब है कि 22 अगस्त 2022 को तत्कालीन अध्यक्ष डॉ. नीलिमा केरकेट्टा के सेवानिवृत्त होने के बाद से यह पद रिक्त था, जिससे आयोग की गतिविधियां भी प्रभावित हुईं। छात्रों ने इस पर बार-बार विरोध दर्ज कराया, जिसके बाद अंततः एल खियांग्ते की नियुक्ति की गई।
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मुख्यमंत्री से मुलाकात के पीछे अहम संदेश
राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में इस मुलाकात को केवल शिष्टाचार भेंट नहीं, बल्कि आयोग की आगामी दिशा और कार्यशैली को लेकर सरकार की प्राथमिकताओं से जोड़कर देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहले भी इस बात को दोहरा चुके हैं कि राज्य की नौकरियों को पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से भरना उनकी प्राथमिकता है।
खियांग्ते का प्रशासनिक अनुभव बना सकता है ‘गेम चेंजर’
एल खियांग्ते पूर्व मुख्य सचिव रह चुके हैं और 1988 बैच के झारखंड कैडर के अधिकारी हैं। मूल रूप से मिजोरम निवासी एल खियांग्ते आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और उन्होंने वर्ष 1987 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की थी। उनके व्यापक प्रशासनिक अनुभव से छात्रों को उम्मीद है कि आयोग की जड़ बनी देरी और पारदर्शिता की कमी पर अब लगाम लगेगी।
राज्यपाल को भी उम्मीद- भर्ती प्रक्रिया में आएगी तेजी
राज्यपाल संतोष गंगवार ने भी एल खियांग्ते की नियुक्ति को आयोग के लिए सकारात्मक बदलाव का संकेत बताया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अब जेपीएससी की ओर से आयोजित सभी परीक्षाएं तयशुदा कैलेंडर के अनुसार और समय पर आयोजित होंगी, जिससे राज्य में भर्ती प्रक्रिया को बल मिलेगा।
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छात्र संगठनों ने जताई नाराजगी
हालांकि इस बीच जेपीएससी अध्यक्ष के 20 दिनों की लंबी छुट्टी पर जाने की खबर से छात्रों में नाराजगी भी देखी गई है। झारखंड स्टेट स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष सत्यनारायण शुक्ला ने कहा कि इतने लंबे समय से अध्यक्ष पद रिक्त होने के कारण 11वीं से 13वीं सिविल सेवा परीक्षा, बाल विकास परियोजना अधिकारी और खाद्य सुरक्षा अधिकारी जैसी कई परीक्षाएं रुकी पड़ी हैं। परीक्षाएं आयोजित तो की गईं, लेकिन परिणाम और आगे की प्रक्रिया अब तक लंबित है। ऐसे में नए अध्यक्ष का अवकाश पर जाना छात्रों के धैर्य की परीक्षा है।
नव नियुक्त अध्यक्ष से छात्र समुदाय को उम्मीदें
जेपीएससी की जिम्मेदारी अब एल खियांग्ते के कंधों पर है। उनसे छात्र समुदाय को उम्मीद है कि वे आयोग की कार्यशैली में जरूरी पारदर्शिता और त्वरितता लाएंगे। उनकी मुख्यमंत्री से यह मुलाकात न सिर्फ एक औपचारिक शुरुआत है, बल्कि आने वाले दिनों में आयोग की दिशा तय करने वाला संकेत भी मानी जा रही है।