Jharkhand Former Cm Champai Soren Delhi Visit Meet Bjp Leaders With Mla Setback For Jmm – Amar Ujala Hindi News Live

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jharkhand former cm champai soren delhi visit meet bjp leaders with mla setback for jmm

चंपई सोरेन
– फोटो : अमर उजाला

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झारखंड के पूर्व सीएम और झामुमो नेता चंपई सोरेन को लेकर राज्य की राजनीति गरमाई हुई है। दरअसल ऐसी खबरें आ रही हैं कि चंपई सोरेन बगावत कर सकते हैं और झामुमो छोड़कर भाजपा में शामिल हो सकते हैं। चंपई सोरेन रविवार को दिल्ली पहुंचे हैं और ऐसी खबरें है कि यहां वे भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। दिल्ली पहुंचने पर मीडिया से बात करते हुए चंपई सोरेन ने कहा कि वह निजी काम से दिल्ली आए हैं। 

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‘कोलकाता क्यों गए, ये बाद में बताएंगे’

चंपई सोरेन कोलकाता से दिल्ली पहुंचे हैं। जब चंपई सोरेन से पूछा गया कि वे कोलकाता क्यों गए थे? तो चंपई सोरेन ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया और कहा कि ‘वह इसके बारे में बाद में बताएंगे’। साफ है कि चंपई सोरेन ने भाजपा में शामिल होने की बात से इनकार नहीं किया है। ऐसी चर्चाएं हैं कि चंपई सोरेन कई विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं। झारखंड में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में अगर चंपई सोरेन भाजपा का दामन थामते हैं तो यह सत्ताधारी झामुमो के लिए बड़ा झटका होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चंपई सोरेन के पैतृक गांव और माहुलडीह इलाके में स्थित झामुमो के कार्यालय और बाजार से झामुमो के झंडे हटा दिए गए हैं। 

इस साल फरवरी से जुलाई तक रहे थे झारखंड के सीएम

जमीन घोटाले में जब हेमंत सोरेन को बीती जनवरी में गिरफ्तार किया गया था, जिसके चलते हेमंत सोरेन ने झारखंड सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था। हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद फरवरी में चंपई सोरेन राज्य के सीएम बने। हालांकि जुलाई में जब हेमंत सोरेन जमानत पर जेल से बाहर आए तो चंपई सोरेन ने सीएम पद से इस्तीफा दिया और फिर से हेमंत सोरेन सीएम चुने गए। 

झारखंड की भाजपा इकाई ने चंपई सोरेन के इस्तीफे को मुद्दा बनाया था और आरोप लगाया कि चंपई सोरेन के इस्तीफे से साफ हो गया है कि झारखंड में हेमंत सोरेन के परिवार के अलावा कोई अन्य नेता राज्य का सीएम नहीं बन सकता। भाजपा ने हेमंत सोरेन पर स्वार्थ की राजनीति करने का आरोप लगाया। भाजपा ने चंपई सोरेन के सीएम पद से हटने को आदिवासी समुदाय का अपमान भी बताया था। 

झारखंड को राज्य का दर्जा दिलाने में चंपई सोरेन की अहम भूमिका रही। खासकर राज्य के आदिवासी समुदाय में चंपई सोरेन का अच्छा खासा दबदबा है। चंपई सोरेन को कोल्हन का शेर भी कहा जाता है। ऐसे में अगर चंपई सोरेन झामुमो छोड़कर भाजपा में शामिल होते हैं तो इससे पार्टी को उम्मीद है कि उसे आदिवासी वोटबैंक का अच्छा समर्थन मिल सकता है। 





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