मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जोरदार हमला किया। उन्होंने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि वह आगामी राज्य के चुनावी मुकाबले में कायर अंग्रेजों की तरह पीछे से हमला करने के बजाय उनसे सीधे मुकाबला करे। मुख्यमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘अगर हिम्मत है तो सामने से लड़ो- कायर अंग्रेजों की तरह लगातार पीछे से वार क्यों ? कभी ED, कभी CBI, कभी कोई एजेंसी, कभी कोई और। अब अरबों रुपये खर्च कर दिए मेरी छवि बिगाड़ने में। अजब हालात है।’
उन्होंने कहा कि 11 साल से केंद्र में भाजपा की सरकार है, पांच साल राज्य में रही। खुद को डबल इंजन सरकार बोलती रही। फिर रघुबर सरकार के पांच साल सिर्फ हाथी क्यों उड़ी? क्यों पांच सालों में 13000 स्कूल बंद किए? क्यों पांच साल में 11 लाख- जी हां 11 लाख राशन कार्ड कैंसिल किए? क्यों पांच साल में 1 JPSC परीक्षा नहीं हुई? क्यों पांच साल में वृद्धा-विधवा पेंशन नहीं बढ़ा और ना मिला? क्यों पांच साल में राज्य में भूख से सैंकड़ों मौतें हुई?
उन्होंने आगे सवाल किए कि क्यों पांच साल में युवाओं को साइकिल बनाने, केला बेचने की सलाह दी गई? क्यों सरकारी कर्मियों को ओल्ड पेंशन स्कीम नहीं दी गई? क्यों झारखंड की बिजली बांग्लादेश में बेची गई? क्यों सेविका, सहिया, पारा शिक्षकों पर लगातार लाठियां बरसायी गईं? क्यों बच्चियों की पढ़ाई के लिए कोई योजना नहीं लाई गई? क्यों बहनों के लिए मंईयां सम्मान योजना नहीं लाई गई? क्यों लगातार बिजली बिल बढ़ाया गया? ऐसे अनगिनत सवाल हैं।
सोरेन ने कहा, ‘हम अपने काम को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं। कोरोना में झारखंडी श्रमिकों को घर हवाई जहाज से लाने के साथ हमने ऊपर लिखे भाजपा सरकार के सभी कुकृत्यों को पीछे छोड़ हर वो काम किया- जो वो कभी सोच भी नहीं पाएं और आगे युवाओं के हर मुद्दे के ईमानदारी पूर्वक समाधान से लेकर हर वो कार्य करेंगे, जो हर एक झारखंडी के हित में होगा।’
81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा के लिए 13 और 20 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा। मतगणना 23 नवंबर को होगी। चुनाव में राज्य के कुल 2.6 करोड़ मतदाता हिस्सा लेंगे। इनमें 1.31 करोड़ पुरुष और 1.29 करोड़ महिला मतदाता हैं। इसके साथ ही 11.84 लाख पहली बार मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
2020 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने 30 सीटें जीती थीं। भाजपा ने 25 और कांग्रेस ने 16 सीटें जीती थीं। 2014 में भाजपा ने 37 सीटें जीती थीं, झामुमो ने 19 सीटें जीती थीं और कांग्रेस ने सिर्फ 6 सीटें जीत पाई थीं।