छोटे शहरों और कस्बों से निकलकर मुंबई मायानगरी में अपना नाम बनाने में जुटे कलाकारों की सफलता उनके गांव, घर और गलियों तक पहुंचाने की श्रृंखला ‘अपना अड्डा’ में इस बार बारी है अयोध्या जिले में सोहावल कस्बे के मनु कृष्णा की। मनु को रंगमंच पर देखकर कैमरे के सामने अदाकारी का पहला मौका दिया दिग्गज निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा ने। मुंबई में उनका अब तक का अभिनय सफर शानदार रहा है। छोटे परदे से लेकर बड़े परदे तक उनकी एक पहचान बन रही है। उनकी दो भोजपुरी फिल्में ‘जया’ और ‘रामधारी’ जल्द ही रिलीज होने वाली हैं। ‘अपना अड्डा’ सीरीज की 11वीं कड़ी में अभिनेता मनु कृष्णा से खास बातचीत..
आपका स्क्रीन नेम ही आपका असली नाम है, या घर वालों ने कुछ और नाम भी रखा?
मेरा पूरा नाम कृष्णा मोहन त्रिपाठी है। फिल्मी दुनिया में मुझे लोग मनु कृष्णा के नाम से जानते हैँ। यही मेरा स्क्रीन नेम भी है। मेरा जन्म अयोध्या जिले में सोहावल नामक कस्बे में हुआ। पिता महेंद्र मोहन त्रिपाठी रूरल इंजीनियरिंग सर्विसस में ए क्लास के अफसर थे जो कि अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। मां उषा त्रिपाठी गृहणी हैं।
तो फिल्म जगत की तरफ कैसे आना हुआ?
दिल्ली में तो आपके नाटकों की खूब चर्चा रही है, कैमरे के सामने पहला मौका कब और कैसे मिला?
और, फिर गाड़ी रफ्ता रफ्ता चल निकली…