
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी
– फोटो : ANI
विस्तार
थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी जापान और भारत के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने के मकसद से पूर्वी एशियाई देश की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। सेना प्रमुख 14 से 17 अक्तूबर तक जापान की यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान वे हिरोशिमा भी जाएंगे, जहां वे हिरोशिमा शांति पार्क में श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। वह शांति पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर भी श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
रक्षा मंत्रालय ने यहां एक बयान में कहा कि यह यात्रा ‘‘भारत और जापान के बीच रक्षा सहयोग की मजबूत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’’ जनरल द्विवेदी सोमवार को जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज से बातचीत करेंगे और इसके बाद टोक्यो में भारतीय दूतावास में दोनों देशों के बीच संबंधों पर एक चर्चा में हिस्सा लेंगे।
इसके बाद वह मंगलवार को इचिगाया में रक्षा मंत्रालय में जापान के वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व से भी बातचीत करेंगे। रक्षा मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि इस यात्रा के दौरान वह जॉइंट सेल्फ डिफेंस फोर्स के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल योशिदा योशिहिदे, जापान ग्राउंड सेल्फ-डिफेंस फोर्स (जेजीएसडीएफ) के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मोरिशिता यसुनोरी; एक्यूजिशन, टेक्नोलॉजी और लॉजिस्टिक एजेंसी (एएलटीए) के कमिश्नर इशिकावा ताकेशी के साथ बैठकें करेंगे।
इन बैठकों का मकसद भारत और जापान के बीच मजबूत सैन्य सहयोग को और प्रगाढ़ बनाना है। जनरल द्विवेदी इचिगाया में रक्षा मंत्रालय में एक स्मारक पर श्रद्धांजलि भी अर्पित करेंगे और जेजीएसडीएफ द्वारा उन्हें सलामी दी जाएगी। वह बुधवार को जेजीएसडीएफ के चीफ ऑफ स्टाफ के साथ फूजी स्कूल का दौरा करेंगे जहां वह फूजी स्कूल के कमांडिंग जनरल लेफ्टिनेंट जनरल कोडामा यासुयुकी के साथ बातचीत करेंगे।
अपनी यात्रा के अंतिम चरण में वह 17 अक्तूबर को हिरोशिमा जाएंगे। बयान में कहा गया है कि जनरल द्विवेदी की यात्रा का उद्देश्य भारत और जापान के बीच सहयोग की नई संभावनाओं को तलाशने के अलावा दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग को मजबूत करना है।