08:32 AM, 13-Mar-2025
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को दी होलिका दहन की शुभकामनाएं (CM Yogi Adityanath wishes the people of the state on the occasion of Holika Dahan)
असत्य, अत्याचार, अराजकता और अहंकार पर विजय के प्रतीक होलिका दहन की प्रदेश वासियों को बधाई।
आइए, आज के इस पावन पर्व पर हम सामाजिक बुराइयों का दहन कर जीवन में सौहार्द और समरसता के भाव को आत्मसात करने का संकल्प लें। pic.twitter.com/6wdSSRZZFB
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) March 13, 2025
08:25 AM, 13-Mar-2025
होलिका दहन से जुड़ी कथा (Pauranik Katha On Holika Dahan)
प्रह्लाद और होलिका की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, असुर राज हिरण्यकश्यप को भगवान विष्णु से घोर द्वेष था। उसने कठोर तपस्या कर अमरत्व का वरदान प्राप्त करना चाहा, लेकिन उसे यह आशीर्वाद मिला कि वह न दिन में मरेगा, न रात में, न धरती पर, न आकाश में, न किसी मनुष्य के हाथों और न ही किसी शस्त्र से। इस वरदान के कारण वह अहंकारी हो गया और स्वयं को ईश्वर मानने लगा।
लेकिन हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का अनन्य भक्त था। उसने अपने पिता की अधर्मयुक्त नीतियों को मानने से इनकार कर दिया। इससे क्रोधित होकर हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को मारने के कई प्रयास किए, लेकिन हर बार वह बच गया।
आखिर में, हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका की सहायता ली, जिसे अग्नि से न जलने का वरदान प्राप्त था। योजना के तहत होलिका, प्रह्लाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठ गई। लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से होलिका स्वयं जलकर भस्म हो गई, जबकि प्रह्लाद सुरक्षित बच गया।
इस घटना के बाद से ही होलिका दहन की परंपरा शुरू हुई, जो यह संदेश देती है कि अधर्म और अहंकार का अंत निश्चित है, और सच्ची भक्ति एवं श्रद्धा की हमेशा विजय होती है।
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08:01 AM, 13-Mar-2025
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07:43 AM, 13-Mar-2025
होलिका दहन का ज्योतिषीय महत्व (Holika Dahan Ka Jyotishiya Mahatv)
यह पर्व फाल्गुन पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो ग्रह-नक्षत्रों को संतुलित करने के लिए शुभ मानी जाती है। इस दिन विशेष पूजा करने से शनि, राहु और केतु के अशुभ प्रभाव कम होते हैं। मान्यता है कि इस दिन अग्नि में आहुति देने से वास्तु दोष दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
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07:15 AM, 13-Mar-2025
धार्मिक दृष्टि से होलिका दहन का महत्व (Dharmik Importance of Holika Dahan)
होलिका दहन को नकारात्मक शक्तियों को खत्म करने और घर-परिवार में सुख-शांति लाने वाला पर्व माना जाता है। इस दिन अग्नि में आहुति देने से नकारात्मक ऊर्जाओं, बुरी नजर और बुरी शक्तियों का नाश होता है। कई स्थानों पर लोग रोग, शत्रु और भय से मुक्ति के लिए विशेष पूजा करते हैं।
दैवीय कृपा और सुख-समृद्धि
होलिका दहन से पहले की जाने वाली पूजा, मंत्रोच्चारण और आहुति से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन गेहूं, चने और नारियल की आहुति देने से संपन्नता और समृद्धि आती है। होलिका दहन की राख (भस्म) को तिलक के रूप में लगाने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और परिवार को बुरी शक्तियों से सुरक्षा मिलती है।
06:58 AM, 13-Mar-2025
होलिका दहन पर दोस्तों और रिश्तेदारों को दे शुभकामनाएं (Holika Dahan 2025 Wishes)
जिस तरह होलिका हो गई थी जलकर राख उसी तरह आपके जीवन के भी दूर हो जाएं सारे दुख-दर्द, कष्ट और पाप होलिका दहन की हार्दिक शुभकामनाएं होली के इस त्यौहार पर हमने हवा में रंग उड़ाया है। आज कोई गम न करना खुशियों का मौसम आया है। होलिका दहन की हार्दिक शुभकामनाएं आइए मिलकर हम सभी होलिका की आग में जला दें अपने मन की सारी बुराइयां होलिका दहन की हार्दिक शुभकामनाएं Holika Dahan 2025 Wishes: होलिका दहन पर इन संदेशों से अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को दे शुभकामनाएं
06:44 AM, 13-Mar-2025
होलिका दहन कहां और किस दिशा में करें? (Holika Dahan Direction and Place)
- होलिका दहन के लिए उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) या पूर्व दिशा सबसे शुभ मानी जाती है।
- यदि यह संभव न हो, तो होलिका दहन दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण) को छोड़कर किसी भी दिशा में कर सकते हैं।
- पूजा के दौरान मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना शुभ माना जाता है।
- होलिका दहन खुले स्थान में करना चाहिए, ताकि दहन की अग्नि सुरक्षित रूप से जल सके।
- यदि संभव हो तो, पुराने होलिका दहन स्थल पर ही अग्नि प्रज्वलित करना शुभ माना जाता है।
- मंदिर या पवित्र स्थान के समीप होलिका दहन करने से अधिक सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
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06:23 AM, 13-Mar-2025
भद्रा काल में क्यों नहीं किया जाता होलिका दहन? (Why Holika Dahan is not done during Bhadra Kaal)
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भद्रा सूर्य देव की पुत्री और शनिदेव की बहन है, और उसका स्वभाव क्रोधी माना जाता है। ब्रह्माजी ने भद्रा को काल गणना के एक प्रमुख अंग विष्टी करण में स्थान दिया था ताकि उनके क्रोध को नियंत्रित किया जा सके। पंचांग में करणों की संख्या 11 होती है, जिसमें 7वां करण विष्टि कहलाता है, और इस समय को अशुभ माना जाता है। इसलिए इस काल में किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य, उत्सव या शुभ कार्यों का आरंभ या समापन नहीं किया जाता।
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06:07 AM, 13-Mar-2025
आज होलिका दहन पर भद्रा कब से कब तक
कब तक रहेगी भद्रा? (Bhadra Timing on Holika Dahan)
भद्रा आरम्भ: मार्च 13, 2025, बृहस्पतिवार को प्रातः 10:35 बजे
भद्रा समाप्त: मार्च 13, 2025, बृहस्पतिवार को रात्रि 11:26 बजे
भद्रा पूँछ – सायं 06:57 से रात्रि 08:14 तक
भद्रा मुख – रात्रि 08:14 से रात्रि 10:22 तक
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