मीडिया रिपोर्ट्स से पता चलता है कि कोरोना के बाद चीन में एक और संक्रामक रोग के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि अस्पताल और श्मशान घाटों में भारी भीड़ देखी जा रही है। इन खबरों ने सवाल खड़े कर दिए है कि क्या कोरोना की ही तरह चीन से एक और महामारी दुनियाभर में फैलने वाली है?
Hospitals in China Overwhelmed as Severe “Flu” Outbreak, Including Influenza A and HMPV, Resembling 2020 COVID Surge. pic.twitter.com/GWw9u6JxsX
— Boar News (@PhamDuyHien9) December 29, 2024
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में चीन के अस्पतालों में भारी भीड़ दिखाई दे रही है। अस्पतालों के साथ श्मशान घाट भी पैक हैं, कमोबेश उसी तरह के हालात जैसे कोरोना के पीक के समय देखा गया था। कुछ रिपोर्ट्स में चीन में इस स्थिति के लिए ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) को मुख्य कारण बताया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक एचएमपीवी के साथ इन्फ्लूएंजा ए, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया के कारण भी यहां लोगों को बीमार पाया जा रहा है।
(ये भी पढ़ें- पांच साल के भीतर दूसरी महामारी का बढ़ रहा खतरा)
कई मीडिया रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर चीन में एक “नई महामारी” के बढ़ते खतरे को लेकर चर्चा की जाती रही है। हालांकि इसको लेकर न तो चीन सरकार न ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएओ) ने कोई अलर्ट जारी किया है या फिर कोई आधिकारिक जानकारी दी है।
ज्यादातर रिपोर्ट्स चीन में इस तरह के भयावह हालात के लिए ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) को जिम्मेदार मान रहे हैं। बच्चों की सेहत पर इसके गंभीर दुष्प्रभावों को लेकर भी अलर्ट किया जा रहा है। आइए जानते हैं कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस क्या है और इसके किस प्रकार के दुष्प्रभाव हो सकते हैं?
पिछले हफ्ते, चीन के रोग नियंत्रण प्राधिकरण ने कहा, देश में निमोनिया जैसे लक्षणों वाली बीमारी बढ़ रही है जिसपर निगरानी के लिए टीम गठित की गई है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में दिसंबर के मध्य तक श्वसन संबंधित संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। 14 वर्ष से कम उम्र के लोगों में इसके लक्षण अधिक देखे जा रहे हैं जिसके लिए एचएमपीवी को जिम्मेदार माना जा रहा है।
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस का संक्रमण सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण पैदा करता है। इसके कारण आमतौर पर ऊपरी श्वसन तंत्र का संक्रमण होता है। कुछ लोगों में इसे निमोनिया, अस्थमा या क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) को ट्रिगर करने वाला भी माना जाता है। पांच साल से कम आयु वालों में ये इसका खतरा अधिक होता है, हालांकि वयस्क भी इसका शिकार हो सकते हैं।
मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के कारण आमतौर पर सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण ही होते हैं, लेकिन कुछ लोगों में इसके कारण गंभीर बीमारी भी हो सकती है। विशेषतौर पर छोटे बच्चों, 65 वर्ष से अधिक उम्र के या फिर कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में गंभीर लक्षणों का जोखिम अधिक होता है।
ज्यादातर लोगों में संक्रमण के कारण बुखार, खांसी, नाक बहने, गले में खराश, घरघराहट, सांस लेने में तकलीफ (डिस्पेनिया) जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि एचएमपीवी में म्यूटेशन के कारण नया स्ट्रेन सामने आया है जिस वजह से हालात बिगड़ते देखे जा रहे हैं।
रिपोर्ट्स से पता चलता है कि एचएमपीवी और कोरोना कई मामलों में मिलते-जुलते हो सकते हैं। कोरोना की ही तरह एचएमपीवी के भी संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने का खतरा हो सकता है। खांसने और छींकने से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स, संक्रमित सतहों को छूने से इस संक्रमण का खतरा हो सकता है। संक्रामक रोग से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतते रहने की आवश्यकता होती है। बचाव के लिए कुछ उपाय करें।
- अपने हाथों को साबुन और पानी से धोते रहें। अल्कोहल-आधारित हैंड सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
- छींकते-खांसते समय अपनी नाक-मुंह को ढकें और हाथों को साफ करें।
- जिन लोगों में इस बीमारी के लक्षण हों उनसे दूरी बनाकर रखें और निकट संपर्क से बचें।
- इम्युनिटी को मजबूत बनाने का प्रयास करें। कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों में इसका खतरा अधिक देखा जाता रहा है।
————–
स्रोत और संदर्भ
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।