राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी
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हिमाचल प्रदेश में एमआईएस (मंडी मध्यस्थता योजना) में हिमफेड के सेब खरीद करने पर रोक लगाने की तैयारी है। अब तक सरकार की दो एजेंसियां एचपीएमसी और हिमफेड बागवानों से सी ग्रेड का सेब खरीदती हैं। दो के स्थान पर एक ही एजेंसी को सेब खरीदने का जिम्मा सौंपा जाएगा। एचपीएमसी को ही सेब खरीद का काम सौंपा जाएगा। मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर अंतिम फैसला होगा और अगले साल से नई व्यवस्था लागू होगी। एमआईएस में प्रदेश में सालाना 50 हजार मीट्रिक टन सेब खरीदा जाता है, इसके लिए 300 से अधिक खरीद केंद्र खोले जाते हैं।
कम गुणवत्ता का सेब मार्केट में जाने से कीमतों में गिरावट न आए इसके लिए सरकार सी ग्रेड का सेब खरीदती है। एचपीएमसी एमआईएस में खरीदे सेब की प्रोसेसिंग कर जूस, जैम, सिरका और वाइन सहित अन्य उत्पाद तैयार करता है, जबकि हिमफेड इस सेब को बागवानों से खरीद कर मंडियों में बेच देता है। मंडियों में हल्की गुणवत्ता का सेब आने से मार्केट गिरने की आशंका रहती है। इसलिए सरकार सेब खरीद का काम एक ही एजेंसी एचपीएमसी को सौंपने का फैसला लेने वाली है।