सांकेतिक तस्वीर।
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दुबई में छिपे क्रिप्टोकरेंसी ठगी के मास्टरमाइंड सुभाष को जल्द स्वदेश लाने की फिर से कवायद तेज हो गई है। उसके वीजा को रद्द कराने के लिए एसआईटी होमवर्क करने में जुट गई है। इस संबंध में केंद्रीय जांच एजेंसियों से भी संपर्क किया गया है।
एसआईटी के पास आरोपी के दुबई में छिपे होने के पुख्ता साक्ष्य हैं। 2,500 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में पहली गिरफ्तारी के बाद से ही यह फरार है। सुभाष मंडी जिले के सरकाघाट का रहने वाला है। जांच में पाया गया कि मुख्य आरोपी सुभाष ठगी का खेल शुरू करने से पहले कई बार अपने कुछ साथियों के साथ विदेश गया। वहां उन्होंने डिजिटल करेंसी का पूरा खेल समझा और फिर एक सॉफ्टवेयर तैयार करवाया।
उसके बाद शातिरों ने फर्जी वेबसाइटें तैयार कीं, जिसमें निवेशकों को उनकी आईडी खोलने पर एक ऐसी डिजिटल करेंसी दिन प्रतिदिन ग्रोथ करते नजर आती थी, जो वास्तव में थी ही नहीं। पैसा डबल करने का लालच देकर डिजिटल करेंसी का ऐसा जाल बुना गया कि लोगों ने भी जीवनभर की जमापूंजी निवेश कर दी। बाद में उनके हाथ कुछ भी नहीं लगा। वर्ष 2018 और 2023 के बीच इस स्कैम को अंजाम दिया गया।