Jharkhand: झारखुंड मुक्ति मोर्चा नेता कल्पना सोरेन का कहना है कि उनके पति हेमंत सोरेन जल्द से जेल से बाहर आएंगे। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हम लड़ेंगे, हम जीतेंगे।
कल्पना सोरेन
– फोटो : फेसबुक/कल्पना सोरेन
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झारखंड मुक्ति मोर्चा की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी कल्पना सोरेन ने शनिवार को कहा कि उनके पति हेमंत सोरेन अत्याचारी ताकतों को हराकर जल्द ही जेल से बाहर आएंगे। पार्टी कार्यालय में हुई एक बैठक में भाग लेने के बाद कल्पना ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि वह किसी भी हाल में झुकेंगी नहीं और विजयी होकर ही रहेंगी। यह भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि कल्पना सोरेन को गांडेय विधानसभा सीट से मैदान में उतारा जा सकता है। यह सीट गिरडीह जिले में आती है और झामुमो विधायक सरफराज अहमद के इस्तीफे के बाद खाली हुई है। बता दें कि झारखंड में लोकसभा चुनावों के साथ 20 मई को विधानसभा उपचुनाव भी होना है।
‘हमने लोकतंत्र और संविधान की बात की’
कल्पना सोरेन ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा का एक एक कार्यकर्ता केंद्र सरकार की तानाशआही के खइलाफ लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन को झूठे मामले में फंसाकर जेल भेज दिया गया लेकिन वह जल्द ही हमारे बीच वापस आएंगे। पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी ने कहा कि हमने लोकतंत्र और संविधान की बात की है और हम दोनों के लिए लड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री बनने पर संशय बरकरार
अब तक कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे माना जाता था, लेकिन उन्हें शिबू सोरेन की बड़ी बहू सीता सोरेन के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। उधर झारखंड के सीएम चंपई सोरेन भी कह चुके हैं कि अगर कल्पना सोरेन गांडेय विधानसभा से जीत हासिल भी करती हैं तो उनको सीएम बनाने के लिए पार्टी हाईकमान द्वारा ही फैसला लिया जाएगा। कल्पना सोरेन की राजनीतिक यात्रा 4 मार्च को गिरिडीह जिले में झामुमो के 51वें स्थापना दिवस समारोह में शुरू हुई, जब उन्होंने दावा किया कि 2019 में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बाद से विरोधियों द्वारा एक साजिश रची गई थी।
हेमंत सोरेन को क्यों हुई थी जेल?
झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को प्रर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 31 जनवरी को गिरफ्तार किया था। फिलहाल उन्हें न्यायिक हिरासत में रख गया है। रांची की एक विशेष अदालत ने 22 फरवरी को सोरेन को विधानसभा सत्र में भाग लेने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। हालांकि, इससे पहले पांच फरवरी को हाई कोर्ट ने सोरेन को विधानसभा में विश्वास मत में भाग लेने की अनुमति दी थी। सोरेन के खिलाफ धन शोधन के आरोप अवैध रूप से अचल संपत्ति रखने और भूमि माफिया से कथित संबंध रखने से जुड़े हैं।