भाजवा प्रवक्ता प्रतुल शाह देव
– फोटो : ANI (Video Grab)
विस्तार
झारखंड हाई कोर्ट ने भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) प्रमुख हेमंत सोरेन को जमानत दे दी। हाई कोर्ट के इस फैसले को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। ईडी द्वारा हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने पर भाजपा नेता प्रतुल शाह देव ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अगर किसी आरोपी को जमानत दी जाती है तो एजेंसी को उच्च न्यायालय में जाने का अधिकार है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ईडी ने किस आधार पर यह कदम उठाया, इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
झारखंड में भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने कहा, “अगर किसी आरोपी को जमानत दी जाती है तो एजेंसी को उच्च न्यायालय में जाने का पूरा अधिकार है। ईडी किस आधार पर यह कदम उठाया, इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है। हालांकि, कोई भी अदालत में अपील करने जा सकता है। प्रथम दृष्टया ईडी को ऐसा लगता है कि झारखंड हाई कोर्ट के जजों ने इस मामले के कुछ हिस्सों को नजरअंदाज कर दिया है। दिल्ली के आवास से बरामत किए गए 36 लाख रुपये नकद को लेकर हेमंत सोरेन द्वारा दिए गए सफाई निराधार हैं। जहां तक अदालतों का सवाल है, यह एक तकनीकी और कानूनी मामला है, लेकिन जनता की अदालत में हेमंत सोरेन को पहले ही जमीन हड़पने के मामले में दोषी ठहराया गया है।”
#WATCH | On ED moving SC against Jharkhand HC granting bail to Hemant Soren, Jharkhand BJP spokesperson Pratul Shah Deo says, “It is in the rights of an agency to move a higher court if a bail is allotted to an accused… The details are still awaited as to on what grounds the ED… pic.twitter.com/Obv2mSbm0p
— ANI (@ANI) July 9, 2024
जमानत मिलने के तुरंत बाद हेमंत सोरेन ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ
बता दें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन ने इस मामले में 31 जनवरी को ईडी की गिरफ्तारी से कुछ समय पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हाईकोर्ट ने 28 जून को सोरेन को जमानत दी थी। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद सोरेन ने 4 जुलाई को फिर से सीएम पद की शपथ ली। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने दलील दी थी कि अगर सोरेन को जमानत पर रिहा किया गया तो वह इसी तरह का अपराध कर सकते हैं और उन्होंने एससी/एसटी पुलिस थाने में ईडी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों का हवाला दिया था।