ज्ञानवापी में शिवलिंग जैसी आकृति को लेकर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित कुछ अन्य नेताओं पर गलत बयानबाजी कर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है।
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अपर जिला जज (नवम) विनोद कुमार सिंह की अदालत में सोमवार को ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाना में गंदगी और शिवलिंग जैसी आकृति की आकृति पर दिए गए बयान के मामले में दाखिल निगरानी अर्जी पर सोमवार को सुनवाई हुई। विपक्षीगण का जवाब निगरानीकर्ता की ओर से दिया गया, जिसे जारी रखते हुए मंगलवार को सुनवाई की तिथि नियत कर दी गई।
वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय और अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह का दावा है कि ज्ञानवापी स्थित वजूखाने में नमाजियों द्वारा गंदगी फैलाई गई, जबकि वह स्थान हिंदुओं के आराध्य देव शिव का है। वहां मिली शिवलिंग जैसी आकृति को लेकर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सहित कुछ अन्य नेताओं ने गलत बयानबाजी कर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाया था। इसलिए सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। इन मांगों को निराधार बताते हुए लोअर कोर्ट ने अर्जी खारिज कर दी थी।
आदेश के खिलाफ जिला जज की अदालत में निगरानी अर्जी देकर मांगों को दोहराया गया। यह केस एडीजे कोर्ट में चल रहा है। पिछली सुनवाई पर निगरानी अर्जी पर विपक्षीगण ने अपना पक्ष रखा था। उसके जवाब में निगरानीकर्ता ने सोमवार को अपना पक्ष रखा।