साइबर ठगी (सांकेतिक तस्वीर)
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सरकार ने फर्जी एसएमएस भेजने वाली कई कंपनियों को काली सूची में डाल दिया गया है। जालसाजों ने इन कंपनियों का इस्तेतमाल पिछले तीन महीनों से 10 हजार से ज्यादा धोखाधड़ी वाले संदेश भेजने के लिए किया।
दूरसंचार विभाग ने गृहमंत्रालय के साथ मिलकर लोगों को एसएमएस धोखाधड़ी से बचाने के लिए यह कार्रवाई की। केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने जानकारी प्रदान की कि जालसाज साइबर अपराध को अंजाम देने के लिए धोखाधड़ी वाली संदेश भेज रहे हैं। इन आठ कंपनियों का इस्तेमाल करते हुए 10 हजार से ज्यादा धोखाधड़ी वाले संदेश भेजे गए। इन हेडर का मालिकाना हक रखने वाली कंपनियों को काली सूची में डाल दिया गया है। साथ ही काली सूची में डाली गई कंपनियों की ओर से इस्तेमाल किए गए 73 एसएमएस हेडर और 1522 एसएमएस टेम्पलेट्स को भी ब्लॉक किया गया है। अब कोई भी टेलीकॉम ऑपरेटर इनमें से किसी एसएमएस हेडर और एसएमएस टेम्पलेट का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। संचार साथी कार्यक्रम के तहत की गई इस कार्रवाई का उद्देश्य नागरिकों को एसएमएस धोखाधड़ी से बचाना है।
संचार साथी पर उपलब्ध चक्षु सुविधा का इस्तेमाल करने की अपील
टेलीकॉम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जिन कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, वे काफी समय से फर्जीवाड़े में लिप्त थीं। मंत्रालय के अनुसार, यदि किसी को भी संदेहास्पद मैसेज मिलता है तो उसे तुरंत संचार साथी पर उपलब्ध चक्षु सुविधा के जरिए सूचना देनी चाहिए। इससे साइबर अपराध में संलिप्त लोगों और कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने में आसानी होगी।
टेलीमार्केटिंग के लिए मोबाइल नंबर के इस्तेमाल पर रोक
इसके अलावा सरकार ने टेलीमार्केटिंग के लिए मोबाइल नंबर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। यदि कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल प्रमोशनल मैसेज भेजने के लिए करता है तो उसे डिसकनेक्ट कर दिया जाएगा। साथ ही उनके नाम और पते को दो साल के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा। टेलीमार्केटिंग कॉल के लिए सिर्फ 180 और 140 सीरीज के नंबर ही इस्तेमाल किए जा सकते हैं। 10 अंकों का मोबाइल नंबर मार्केटिंग के लिए प्रतिबंधित है। यदि आपको किसी फर्जीवाड़े की सूचना देनी है तो 1909 पर डायल कर सकते हैं। साथ ही डू नॉट डिस्टर्ब (डीएनडी) सेवा का इस्तेमाल कर सकते हैं।