प्रतीकात्मक तस्वीर
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साइबर हमले से बचाव के लिए राज्य सरकार बेशक साइबर सिक्योरिटी टास्क फोर्स बनाने जा रही है, लेकिन पिछले चार दिनों में इस तकनीकी संकट ने सरकार के तकरीबन सभी विभागों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रखी हैं। सबसे ज्यादा प्रभाव राज्य की वित्तीय व्यवस्था पर पड़ा है।
हमले के दिन से ही राज्य के कोषागारों में कामकाज पूरी तरह से ठप है। राज्य के कोषागार से प्रतिदिन औसतन 180 से 200 करोड़ तक के बिलों का भुगतान होता है। इस हिसाब से पिछले तीन दिनों में 540 करोड़ रुपये से अधिक के बिलों का भुगतान लटकने का अनुमान है।
एहतियातन एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (आईएफएमएस) की सभी सेवाएं पूरी तरह से बंद कर दी गई हैं। सचिव वित्त दिलीप जावलकर के मुताबिक, स्टेट डाटा सेंटर से हरी झंडी का इंतजार है। जैसे ही वहां से सकारात्मक संकेत मिलेंगे, आईएफएमएस की सेवाएं शुरू कर दी जाएंगी।