जो बाइडन, बेंजामिन नेतन्याहू
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गाजा पट्टी में बीते सात महीने से ज्यादा समय से भीषण जंग जारी है। इस बीच, इस्राइली सेना ने कहा है कि उसके पास गाजा के दक्षिणी शहर रफाह में अपने हमलों को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी हथियार हैं।
इस्राइली सुरक्षा बल (आईडीएफ) के प्रवक्ता डैनियल हगारी से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सवाल किया गया कि क्या सेना अमेरिकी हथियारों के बिना अभियान चला सकती है। इस पर हगारी ने कहा, सेना के पास उन अभियानों के लिए सभी हथियार हैं, जिनकी वह योजना बना रहा है। रफाह में अभियान के लिए भी हमारे पास वह सभी हथियार हैं, जो हमें चाहिए।
हगारी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के उस पर बयान पर भी बात की, जिसमें उन्होंने कहा कि वह उन आक्रामक हथियारों की आपूर्ति नहीं करेंगे जिनका इस्तेमाल इस्राइल गाजा में हमास के अंतिम गढ़ रफाह पर चौतरफा हमला करने के लिए कर सकता है। आईडीएफ के प्रवक्ता ने कहा, अमेरिका के साथ करीबी संबंध बने हुए हैं। असहमतियों को बंद दरवाजों के पीछे से हल किया जाना चाहिए।
गाजा के तट पर अमेरिका के द्वारा अस्थायी समुद्री घाट का अब तक निर्माण नहीं किया गया है। लेकिन एक प्राथमिक चिकित्सा जहाज उस प्रस्तावित घाट के लिए तड़के रवाना हुआ। यह भी स्पष्ट नहीं है कि गलियारा कब बनेगा और कब चालू होगा। मानवीय समूहों का कहना है कि युद्ध से तबाह भूखे फलस्तीनियों को भोजन हासिल करने में अभी भी बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है।
साइप्रस ने जहाज के प्रस्थान की घोषणा की। हालांकि, अमेरिकी सेना ने अभी तक इस स्थायी घाट को नहीं बनाया है। ऐसे में सवाल बना हुआ है कि मदद कैसे वितरित की जाएगी। संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि 23 लाख फलस्तीनियों में से ज्यादातर भूख का सामना कर रहे हैं। उत्तरी घाजा पहले से पूर्ण अकाल का सामना कर रहा है।
बाइडन ने बुधवार को कहा कि अमेरिका दो करीबी सहयोगियों के बीच तनाव बढ़ने के बाद आक्रामक हथियारों की आपूर्ति नहीं करेगा। वहीं, इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को कहा, अगर हमें अकेले खड़ा होना पड़े, तो हम अकेले खड़े होंगे। हमें जरूरत पड़ी तो हम अपने नाखूनों से लड़ेंगे। लेकिन हमारे पास नाखूनों से कहीं ज्यादा हथियार हैं।