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नगर पालिका बागेश्वर का अभिनव प्रयास पूरे राज्य के लिए मिसाल बना है। महिलाओं ने लोगों को गीले कूड़े से खाद बनाने के लिए प्रेरित किया। पालिका ने कूड़ा संग्रहण के लिए महिलाओं को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए। अब ये महिलाएं सुबह कूड़ा एकत्रीकरण का काम करती हैं।
बागेश्वर – फोटो : अमर उजाला
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47 महिलाओं ने हाथ में झाडू उठाई तो बागेश्वर शहर की सूरत ही बदल गई। नगर पालिका बागेश्वर का यह अभिनव प्रयास आज पूरे प्रदेश के लिए मिसाल बन गया है। अन्य निकायों में भी इसकी तर्ज पर पहल की कोशिश की जा रही है।
दरअसल, बागेश्वर का भौगोलिक स्वरूप ऐसा है कि हर गली मोहल्ले तक कूड़ा एकत्रीकरण का काम वाहन से नहीं हो पाता था। पालिका ने वर्ष 2017-18 में यहां के 100 परिवारों के घरों से सूखा अपशिष्ट लेने के लिए पहले चरण में 18 महिलाओं को अनुबंधित किया था। इन्हें प्रति महिला प्रति दिन 100 रुपये की दर से 3000 रुपये प्रति महिला को मासिक भुगतान किया जाता था।
पालिका ने इन महिलाओं को गीले और सूखे कूड़े के पृथक्करण की जानकारी दी। इन महिलाओं ने लोगों को गीले कूड़े से खाद बनाने के लिए प्रेरित किया। पालिका ने कूड़ा संग्रहण के लिए महिलाओं को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए। अब ये महिलाएं सुबह कूड़ा एकत्रीकरण का काम करती हैं और इसके बाद अपने दैनिक घरेलू कार्य भी आसानी से कर लेती हैं।