बैठक लेती मुख्य सचिव राधा रतूड़ी (फाइल फोटो)
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हरियाणा और कर्नाटक राज्य की तर्ज पर उत्तराखंड सरकार परिवार पहचान पत्र की परियोजना पर काम कर रही है। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए वित्त व्यय समिति (ईएफसी) ने इस परियोजना के लिए 20 करोड़ का बजट मंजूर किया है। बृहस्पतिवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में हुई वित्त व्यय समिति (ईएफसी) की बैठक में नियोजन विभाग को प्रोजेक्ट के वेंडर चयन के लिए एक महीने की टाइम लाइन दी गई है।
उन्होंने कहा कि इस यूनिक आईडी से जाति व अन्य प्रमाण पत्र तुरंत जारी हो सकेंगे। पहचान पत्र की सहायता से गहन विश्लेषण और सत्यापन के जरिये विभिन्न सेवाओं और लाभों का गलत लाभ ले रहे लोगों की पहचान कर उसे समाप्त किया जा सकेगा। इससे राज्य में कई सरकारी कार्यालयों का कार्यभार कम होगा।
आईडी डाटाबेस का हिस्सा होंगे
मुख्य सचिव ने कहा कि परिवार पहचान पत्र आवासीय पते के प्रमाण के रूप में काम करेगा। इससे सरकार के कामकाज में पूरी पारदर्शिता आएगी व राज्य में बेहतर शासन के स्तर को सुधारने में मदद मिलेगी। सभी पात्र और अक्सर उपेक्षित निवासी (जैसे दिव्यांग, आदि) यूनिक आईडी डाटाबेस का हिस्सा होंगे। उन्हें उनकी जरूरत के हिसाब से लक्षित सेवाओं और लाभों के तहत राज्य सरकार द्वारा उचित सहायता प्रदान की जाएगी।
इसके माध्यम से ना केवल यूनिक आईडी परियोजना के तहत विभिन्न डाटाबेस को एकीकृत किया जाएगा। इसमें सभी परिवार के सदस्यों से संबंधित सभी दस्तावेज और कागजात शामिल करने का प्रस्ताव है। बैठक में सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे तथा नियोजन विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।