Ey India Responds After 26-year-old Pune Employee’s Death Due To Work Stress, Know The Social Media Reaction – Amar Ujala Hindi News Live

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EY India Responds After 26-year-old Pune Employee's Death Due to Work Stress, know the social media reaction

काम के तनाव में युवती की गई जान
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार


महाराष्ट्र के पुणे में एक 26 साल की युवती की मौत का मामला तूल पकड़ रहा है। दरअसल, युवती एक जानी मानी कंपनी अर्न्स्ट एंड यंग (ईवाई) में चार्टेड अकाउंटेंट थी। उसकी मां ने कंपनी के मालिक को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि उनकी बेटी से इतना काम लिया कि वह तनाव में आ गई थी। उसके ऊपर लगातार ज्यादा से ज्यादा काम का प्रेशर डाला जा रहा था। इस कारण उनकी बेटी की मौत हो गई। पत्र के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बवाल मच गया। अब केंद्र सरकार ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है।  

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नौकरी के चार महीने के अंदर मौत

बता दें, महाराष्ट्र के पुणे की ईवाई कंपनी में 26 साल की एना सेबेस्टियन पिरेयिल ने मार्च 2024 में कंपनी में काम शुरू किया था। वे केरल की रहने वाली थीं। एना की मौत 20 जुलाई को हुई थी। एना की मां अनिता ऑगस्टिन ने ईवाई के भारत प्रमुख राजीव मेमानी को पत्र लिखकर कंपनी की कार्य संस्कृति पर गंभीर आरोप लगाए थे।

केंद्र का क्या रुख?

अब केंद्रीय श्रम मंत्रालय का कहना है कि उसने शिकायत स्वीकार कर ली है। एना की मौत की परिस्थितियों की जांच की जाएगी।श्रम राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, ‘एना की मौत से दुखी हैं। असुरक्षित और तनावपूर्ण वातावरण के आरोपों की गहन जांच चल रही है। हम न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। श्रम मंत्रालय और मनसुख मंडाविया  ने आधिकारिक तौर पर शिकायत को अपने हाथ में ले लिया है।’

भाजपा नेता ने की थी जांच की मांग

भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर की एक पोस्ट पर मंत्री शोभा ने यह जवाब दिया है। दरअसल, शेखर ने एना की मौत को बहुत दुखद, लेकिन कई स्तरों पर परेशान करने वाला बताया था और अर्न्स्ट एंड यंग इंडिया में तनावपूर्ण वातावरण के उनके परिवार के आरोपों की जांच की मांग की थी।

कंपनी ने क्या कहा?

अर्न्स्ट एंड यंग ने 26 साल की कर्मचारी की दुखद मौत के बाद उसकी मां के पत्र के वायरल होने के बाद बयान जारी किया। अकाउंटिंग फर्म ने कहा कि वे काम के माहौल को बेहतर बनाने की कोशिश करेंगे। चार बड़ी कंसल्टेंसी फर्मों में से एक ईवाई ने कहा, ‘हम इस साल जुलाई में 26 साल की एना सेबेस्टियन पिरेयिल के दुखद और असामयिक निधन से बहुत दुखी हैं। हमारी संवेदनाएं परिवार के साथ हैं। हम परिवार को सभी प्रकार की सहायता दे रहे हैं तथा अपने कर्मचारियों को काम करने के लिए एक बेहतर माहौल देने के तरीके खोजेंगे।’

कंपनी ने आगे कहा, ‘हालांकि कोई भी मदद परिवार को हुए नुकसान की भरपाई नहीं कर सकता। फिर भी हमने हरसंभव सहायता दी है, जैसा कि हम संकट के समय में करते हैं तथा आगे भी करते रहेंगे। हम परिवार के पत्र को बहुत गंभीरता और विनम्रता से ले रहे हैं। हम सभी कर्मचारियों के कल्याण को सबसे अधिक महत्व देते हैं। भारत में ईवाई फर्म में हमारे एक लाख लोगों के लिए बेहतर कार्यस्थल उपलब्ध कराने और उन्हें बेहतर बनाने के तरीके ढूंढते रहेंगे।’

मां ने लिखा था भावुक करने वाला पत्र

मां अनिता ने पत्र में लिखा था, ‘एना ने नवंबर 2023 में सीए की परीक्षा पास की थी। मार्च 2024 में ईवाई में काम शुरू किया। वह एनर्जी से भरपूर थी। इतनी प्रतिष्ठित कंपनी में काम मिलने पर खुश थी, लेकिन सिर्फ चार महीने बाद मेरी दुनिया उजड़ गई, जब एना की मौत की खबर मिली। सबसे दुखद यह है कि उसके अंतिम संस्कार में कंपनी से कोई नहीं पहुंचा। 

बिना थके लगी रही उम्मीदों को पूरा करने में

उन्होंने पत्र में आगे लिखा था  कि बेटी की पहली नौकरी होने के कारण एना बगैर थके कंपनी की उम्मीदों को पूरा करने में लगी रही। लगातार काम करने से उसके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर गहरा असर हुआ। नौकरी लगने के कुछ समय बाद ही एना को एंग्जायटी, नींद न आना, तनाव जैसी परेशानियां होने लगी थीं। रविवार को भी कर्मचारियों को काम में झोंके रखना कोई सही नहीं ठहरा सकता।

अंतिम संस्कार में कोई शामिल नहीं हुआ

उन्होंने कहा था कि वह देर रात तक काम करती थी, यहां तक कि वीकेंड्स पर भी उसे काम करना पड़ता था। उसे चैन की सांस लेने का समय तक नहीं दिया जाता था। उसके सहायक प्रबंधक ने एक बार उसे रात में एक काम के साथ बुलाया जिसे अगली सुबह तक पूरा करने को कहा। वह पूरी रात काम करती रही। अगले दिन सुबह बिना आराम किए ऑफिस पहुंची। चौंकाने वाली बात यह है कि ईवाई से कोई भी एना के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुआ। किसी के पास एक मिनट का समय भी नहीं था कि वह मेरी बेटी के अंतिम संस्कार मे आ जाता?

दिन-रात काम करने के लिए मजबूर किया

अपने पत्र के अंत में अनीता ने कंपनी से जिम्मेदारी लेने का आह्वान किया। उन्होंने लिखा, ‘नए लोगों पर इस तरह के कमर तोड़ने वाले काम का बोझ डालना, उन्हें दिन-रात काम करने के लिए मजबूर करना, यहां तक कि रविवार को भी, इसका कोई औचित्य नहीं है…। एना की मौत से ईवाई को जगने की जरूरत है। मुझे उम्मीद है कि यह पत्र आप तक गंभीरता के साथ पहुंचेगा। मुझे उम्मीद है कि मेरे बच्चे का अनुभव वास्तविक परिवर्तन की ओर ले जाएगा ताकि किसी अन्य परिवार को उस दुःख और आघात को सहन न करना पड़े जिससे हम गुजर रहे हैं।’

सोशल मीडिया पर मचा बवाल

मामले ने सोशल मीडिया पर अलग ही जंग छेड़ दी है। यूजर्स दफ्तरों में काम के माहौल को बेहतर करने की मांग कर रहे हैं। कई लोग इसे लेकर दबाव झेलने की क्षमता पर काम करने की सलाह दे रहे हैं। कई लोगों ने ईवाई जैसी कंपनियों में सुधार की मांग की है। कई लोग बेहतर मानसिक स्वास्थ्य, मानवीय कार्य स्थिति और युवा पेशेवरों पर दबाव का पुनर्मूल्यांकन करने की मांग भी कर रहे हैं। एक ट्वीट में यूजर ने लिखा, ‘यह कहा जाना चाहिए कि देर तक काम करने की संस्कृति और अधिक काम करने को न केवल बिग-4, बल्कि कई कॉरपोरेट्स में बढ़ाचढ़ाकर बताया जाता है। इसे आदर्श के रूप में देखने की गलत परंपरा शुरू हो गई है। क्या आपको नारायण मूर्ति का 70 घंटे का कार्य सप्ताह याद है?’



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