Exclusive Interview: Former Lok Sabha Speaker Sumitra Tai Gave Advice To Congress – Amar Ujala Hindi News Live

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Exclusive Interview: Former Lok Sabha Speaker Sumitra Tai gave advice to Congress

इंदौर में आठ बार सांसद रह चुकीं हैं सुमित्रा महाजन
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


इंदौर की ताई सुमित्रा महाजन किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। उनका कद देश के कद्दावर नेताओं के समकक्ष है। इंदौर लोकसभा सीट पर चल रहा सियासी खेल एक समय उनको भी चौंका गया था। इसी को लेकर अमर उजाला ने उनसे खास बातचीत की है। उनका साफ कहना है कि भाजपा से ज्यादा कांग्रेस को आत्ममंथन करने की जरूरत है कि क्यों उसके नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। पढ़िए बातचीत के प्रमुख अंश- 

ये इंदौर में क्यों हुआ, आपके यहां फोन भी आए थे? लोग नोटा दबाने की बात कह रहे थे? 

सुमित्रा महाजन- ये बात तो आई-गई हो गई। जिन लोगों के फोन आए थे, उनको मैंने समझा भी दिया। उनका भी उस समय का गुस्सा था। जिसको कोई अपना लगता है न तो उसके लिए जल्दी गुस्सा भी आता है। हमने बातचीत की। उन्हें लगा कि हमारी भाजपा ने ऐसा किया, इसकी जरूरत नहीं थी। हमें भी लगा। उस लोगों को ये गलत लगा। हालांकि हुआ है, अब उसके अनुसार काम करेंगे। 

आप लंबे समय से जनता से जुड़ी रहीं। आपको भी लगता है कि भाजपा को ऐसा करने की जरूरत थी? 

महाजन- हां मेरे मन में भी ये सवाल आया था। इंदौर तो भाजपा को प्यार देता रहा है, ऐसा कुछ करने की जरूरत नहीं थी। हम तो लाखों मतों के अंतर से जीतते हैं। जब एकदम से अनअपेक्षित कुछ होता है तो मुंह से बात तो निकलती ही है। जो निर्णय लेने वाले हैं, उन्हें ठीक लगा। मैं तो आज की तारीख में निर्णय लेने वालों में नहीं हूं। मैं घर बैठी हूं। घर बैठी मतलब रिटायर्ड हूं। अब पार्टी की पदाधिकारी भी नहीं हूं। तो वहां बैठे लोगों ने कुछ सोचा होगा। जिन्हें ये पसंद नहीं आया, उन्हें समझाना पड़ेगा कि हम तो हैं न। बस इतनी सी बात है। 

आपको क्या लगता है इसमें किसकी गलती है, कांग्रेस की गलती है या भाजपा की? 

महाजन- मैं कैसे कहूं कि ये तुम्हारी गलती है। हर किसी को अपना घर संभालना चाहिए। ये क्यों हुआ, इस पर विचार करना चाहिए। अब ऐनसमय पर कोई कैंडिडेट छोड़कर जाता है, वापस लेता है फॉर्म। लोकसभा के लिए ये छोटी बात नहीं है। मेरा जो अनुभव है, जब पार्टी किसी को टिकट देती है, वो भी देशभर में पहचानी जाने वाली पार्टी, हालांकि वो ऑल इंडिया लेवल की बची नहीं है। लेकिन जब ऐसा निर्णय लिया जाता है तो सोच-समझकर किया होगा। इतना बड़ा निर्णय उलट कैसे गया, ये तो आश्चर्य की बात है। उनको ये सोचना पड़ेगा। जिनके घर में ये घटना हुई है, वो सोचे। 

ताई आप भाजपा में अभिभावक की तरह हैं, आपसे भी रायशुमारी होती होगा। आपको नहीं लगता कि इस तरह के निर्णय पार्टी को नुकसान पहुंचाएंगे?

महाजन- देखो, जहां-जहां जो मैं देख रही हूं। सूरत में जो निर्दलीय थे, उन्होंने नाम वापस लिया, निर्दलीय कोई पार्टी के तो हैं नहीं. दूसरी बात कि सामने वाला ही हट जाए तो तुम क्या कर सकते हो। ये भाजपा का दोष नहीं है। हमें जीतना है, हम जीत के लिए प्रयास कर रहे हैं। खजुराहो में भी वो साइन करना ही भूल गए, तो हमारी पार्टी की गलती तो नहीं है। फॉर्म भरते समय वकीलों की टीम रहती है। चार-चार बार देखा जाता है पर्चा, क्यों नहीं देखा कि साइन नहीं है। ये तो भाजपा की थाली में आकर लड्डू गिरने वाली बात है, और लड्डू में खाऊं नहीं, ऐसा तो नहीं होता है। हमने कोई प्रयास किया हो तो पकड़े हमारी गलती कोई। हां ये जरूर है कि अब ज्यादा घटनाएं हो रही हैं। सभी पार्टियों में हो रही है। 

आपको लग रहा है कि विपक्ष विहीन चुनाव हो गया है? 

महाजन- एक बात तो ये है कि चुनाव वनसाइडेड हैं, पर माननीय मोदीजी की ऊंचाई ही ऐसी हो गई, काम के कारण। मोदीजी और उनका पूरा मंत्रिमंडल ने दस सालों में जो काम करके दिखाया है, वो काम ही ऐसे हो गए हैं, कि वो छा गए हैं। तो लगता है कि इनके अलावा कोई है ही नहीं काम करने वाला। क्योंकि जो कोई काम जनता चाहती है, वो मोदीजी ने करके दिखाया है। अब कोई सामने नहीं आए तो हमारी गलती कैसे। इसका मतलब है किसी ने मेहनत ही नहीं की होगी। मैं फिर कहती हूं कि हर कोई अपने-अपने घर में देखे। 

ये स्थिति भाजपा की ऊंचाई से है या कांग्रेस की कमजोरी से? 

महाजन- ये तस्वीर तो साफ है। कांग्रेस तो कमजोर हो ही गई है। जितने भी अच्छे-अच्छे नेता हैं, वो हैं कहां बेचारे। नेतृ्त्व विहीन तो नहीं कह सकते, पर वो प्रभावी नहीं हो पा रहा है। ये हमारी गलती नहीं है न। ये सवाल तो उनसे पूछा जाना चाहिए। हम तो चाहेंगे कि कोई लड़े, लड़ने वाले को भी तब अच्छा लगता है कि कोई ताकतवर लड़े सामने। 

आपको लगता है कि इंदौर की जनता के साथ धोखा हुआ है? 

महाजन- इंदौर की सीट जीती-जिताई है। कांग्रेस का प्रत्याशी मैदान में था या होता तो भी। हम जीतने वाले थे। 

कांग्रेस कह रही है कि नोटा के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं? 

महाजन- मैं तो लोगों से कहूंगी कि क्यों लगाना नोटा। नोटा लगाने जैसी कौनसी स्थिति आ गई। क्या भाजपा मैदान में नहीं है। क्या भाजपा का कैंडिडेट इधर-उधर हो गया है। क्या उसने कोई गलती की है। क्या मोदीजी के काम नहीं हुए हैं। सबके सामने है। हम जो-जो कारण लेकर वोट मांगते हैं, वो सभी हैं। तो नोटा की तो बात नहीं आना चाहिए। नोटा तो तब लगता है कि हमें कोई भी पसंद नहीं। पर अभी ऐसी स्थिति है नहीं। मोदीजी सबकी पसंद हैं। हमारे सांसद प्रत्याशी शंकर लालवानी के खिलाफ एक शब्द किसी का कुछ नहीं है। बीते चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार को पांच लाख वोटों से हराया था। 

तो क्या 400 के पार होगा इस बार? 

महाजन- हां बिलकुल। भाजपा ताकत से खड़ी है। जब इतने अच्छे काम किए हैं तो जाना चाहिए 400 पार। हम काम करते हैं तो क्यों नहीं अपेक्षा करें। मैंने जब अभ्यास अच्छा किया है तो मैं पहले नंबर की अपेक्षा क्यों नहीं करूं। हमने काम अच्छे किए हैं, उसके आधार पर हम 400 पार का दावा कर रहे हैं। 



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