
उत्तरी सिक्किम में बारिश के बाद भूस्खलन का दृश्य, मुख्यमंत्री तमांग
– फोटो : एएनआई
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सिक्किम के मंगन जिले में फंसे 1,200 से ज्यादा पर्यटकों को निकालने का काम सोमवार को शुरू हो सकता है। चुंगथांग के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) किरण थाटल ने कहा कि अगर मौसम अनुकूल रहा तो लोगों को निकालने की प्रक्रिया हवाई या सड़क मार्ग से की जाएगी। अब तक मौसम के कारण परिस्थितियां प्रतिकूल थीं। इसलिए पर्यटकों को निकालने का काम शुरू नहीं किया जा सका।
फंसे हुए पर्यटकों को ठहराने का इंतजाम किया गया
अधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन फंसे हुए पर्यटकों के ठहरने की व्यवस्था कर रहा है। उन्हें लाचुंग शहर के अलग-अलग होटलों में ठहराया जाएगा। साथ ही बहुत कम कीमत पर खाना उपलब्ध कराया जाएगा। अगर किसी भी पर्यटक को कई असुविधा होती है तो उन्हें लाचुंग पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है। एसडीएम ने निकासी प्रक्रिया पर चर्चा के लिए चुंगथांग बीडीओ पिपोन लाचुंग और होटल मालिकों के साथ एक बैठक भी बुलाई। थाटल ने कहा, ‘होटल मालिकों से यह भी कहा गया है कि वे निकासी प्रक्रिया शुरू होने तक पर्यटकों से अपने कमरे खाली करने के लिए न कहें।’
बारिश और भूस्खलन के कारण भारी नुकसान
सिक्किम में पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश और भूस्खलन के कारण भारी नुकसान हुआ है। कहीं सकड़ें टूट गई है तो कहीं सड़कें नदी में समा गई हैं। भारी बारिश और भूस्खलन से मंगन जिले में रास्ते बंद होने से लाचुंग में 1,200 से अधिक घरेलू और 15 विदेशी पर्यटक फंसे हुए हैं। पूर्वी सिक्किम के दिक्चू में सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं कई घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। दक्षिण सिक्किम में लिंगी-पायॉन्ग को जोड़ने वाली मुख्य सड़क बारिश से पूरी तरह तबाह हो गई है। तीस्ता नदी लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिससे नदी तट के आसपास रहने वाले लोगों में दहशत बढ़ गई है।
अधिकारियों को स्थिति पर लगातार नजर रखने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को बैठक करके अधिकारियों को स्थिति की बारीकी से निगरानी करने और कनेक्टिविटी और राहत प्रयासों को फिर से स्थापित करने की प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया। बैठक में ग्रामीण विकास विभाग (आरडीडी) मंत्री अरुण उप्रेती, सड़क एवं पुल मंत्री एन.बी. दहल सहित सभी विभागों के मुखिया उपस्थित थे।