
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– फोटो : Istock
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उत्तराखंड में बिजली की बेतहाशा मांग के बीच अब कम लोड पर एसी चलाने वालों की जेब पर लोड पड़ने वाला है। उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) जल्द ही बिजली मीटर की एमआरआई का अभियान शुरू करने जा रहा है। इससे ये साफ हो जाएगा कि कितने किलोवाट के कनेक्शन पर कितनी एसी चलाई जा रही है।
दरअसल, राज्य में पहली बार बिजली की मांग रिकॉर्ड 6.4 करोड़ यूनिट तक पहुंच गई है। इससे पहले ये अधिकतम 5.6 करोड़ यूनिट तक रहती थी। गर्मी की वजह से बढ़ी इस मांग के कारण यूपीसीएल को बाजार से रोजाना एक करोड़ यूनिट से अधिक बिजली खरीदनी पड़ रही है जो काफी घाटे का सौदा साबित हो रही है।
कूलर, पंखे के साथ एसी भी चला रहे
भीषण गर्मी में इस साल जहां घरों में कूलर-पंखों की संख्या में इजाफा हुआ है तो वहीं एसी की संख्या भी अचानक बढ़ने से यूपीसीएल पर इसका भार बढ़ गया है। तमाम उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनके पास एक किलोवाट का कनेक्शन है और वे कूलर, पंखे के साथ एसी भी चला रहे हैं।
इसके चलते यूपीसीएल पर भार बढ़ गया जो रिकॉर्ड में नहीं आ पा रहा है। लिहाजा, निगम ने तय किया है कि प्रदेशभर में अब विद्युत मीटरों की एमआरआई कराई जाएगी। ताकि ये पता चल सके कि जिस भार (किलोवाट) का कनेक्शन है, उसके हिसाब से कितनी अधिक बिजली खर्च की जा रही है। खर्च होने वाली बिजली के हिसाब से जहां यूपीसीएल जुर्माना लगाएगा तो वहीं बिजली कनेक्शन का लोड भी बढ़ा देगा।