वोटिंग (प्रतीकात्मक)
– फोटो : iStock
विस्तार
देशभर में लोकसभा चुनाव के चौथे चरण के तहत मतदान हो रहा है। इस बीच झारखंड के बूढ़ा पहाड़ में पहली बार शांतिपूर्ण तरीके से वोटिंग हुई। बता दें कि बूढ़ा पहाड़ को माओवादियों का गढ़ कहा जाता है, जो कि पलामू लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। लातेहार और गढ़वा जिलों से सटे बूढ़ा पहाड़ में तीन दशकों से माओवादिओं ने आतंक बरपाया हुआ था। हाल ही में सुरक्षा बलों ने इस इलाके को माओवादियों से मुक्त कराया था। मतदाताओं के लिए हेसातु सरकारी स्कूल में बूथ नंबर 420 तैयार किया गया था, जहां अलग-अलग गांवों से आए सैकड़ों मतदाताओं में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
उत्साहित होकर घरों से निकले मतदाता
37 वर्ष के हल्कन किसान ने अपने जीवन में पहली मतदान किया है। किसान का कहना है कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार मतदान किया है। इससे पहले माओवादियों की वजह से यहां से 13 किलोमीटर दूर मतदान के लिए जान पड़ता था, जिस वजह से बहुत कम लोग वोटिंग के लिए जाते थे। अब यह इलाका माओवादियों से मुक्त हो गया है। किसान ने बताया कि यहां के मतदाताओं ने उत्साहित होकर अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
बूथ पर तैनात किया गया भारी सुरक्षा बल
मेदिनीनगर के उपखंड अधिकारी अनुराग तिवारी ने बताया कि मतदान केंद्रों पर भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया। यहां कुल मिलाकर 771 मतदाता हैं, जो कि निश्चिंत होकर मतदान के लिए घरों से निकले। 50 वर्ष के विक्रम यादव ने कहा कि उन्होंने बिना किसी समस्या के अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। वह पांच किलोमीटर दूर से पैदल चकर मतदान करने आए थे।
बता दें कि बूढ़ा पहाड़ को माओवादियों से मुक्त कराने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा वर्ष 2022 से तीन अलग अलग ऑपरेशन चलाए गए। इन कार्रवाईयों में 14 माओवादी मारे गए जबकि, 590 माओवादी या तो पकड़े गए या उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया।