प्रवर्तन निदेशालय
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक अवैध ऑनलाइन फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के संचालन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 80 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की बैंक जमा और डीमैट होल्डिंग्स को फ्रीज कर दिया है। इस प्लेटफॉर्म पर निवेशकों से 500 करोड़ रुपये की ठगी करने का आरोप है।
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ईडी ने दी जानकारी
ईडी ने बुधवार को कहा कि उसने ऑक्टाएफएक्स ट्रेडिंग एप और वेबसाइट डब्लूडब्लूडब्लू.ऑक्टाएफएक्स.कॉम के मामले में 22 जुलाई को मुंबई, कोलकाता, दिल्ली और गुरुग्राम में छापे मारे गए थे। ऑक्टाएफएक्स पर विदेशी मुद्रा व्यापार की आड़ में निवेशकों से धोखे से प्राप्त धन को सेबी में पंजीकृत वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) में निवेश के रूप में डाला गया है, ताकि उन्हें वैध निधि के रूप में प्रस्तुत किया जा सके। संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा, ऑक्टाएफएक्स ने निवेशकों को लुभाने के लिए अपनी प्रचार गतिविधियों के लिए धन हस्तांतरित करने के लिए ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (बीवीआई) और एस्टोनिया में स्थित संस्थाओं का उपयोग किया। ईडी के अनुसार, ऑक्टाएफएक्स ने कई शेल या नकली कंपनियां स्थापित कीं और विदेशी मुद्रा व्यापार की सुविधा के बहाने उनके बैंक खातों का उपयोग किया।
1000 करोड़ से ज्यादा का मुनाफा कमाया
एजेंसी के अनुसार, ऑक्टाएफएक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, ऑक्टाएफएक्स और उनकी संस्थाओं ने विदेशी मुद्रा व्यापार की आड़ में निवेशकों को धोखा दिया है, जिससे भारतीय क्षेत्र से 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ कमाया है। इन निधियों का एक हिस्सा शेल संस्थाओं की मदद से जटिल लेनदेन के जाल के माध्यम से स्थांतरित किया गया था और फर्जी माल ढुलाई सेवाओं, सेवाओं के आयात आदि की आड़ में अपनी संबंधित संस्थाओं को विदेश में भेजा गया था।