आलमगीर आलम
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन के एक मामले की जांच के तहत झारखंड के पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, उनके पूर्व निजी सचिव और सहयोगी के घरेलू सहायक की चार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है।
एजेंसी ने शनिवार को एक बयान में कहा कि उसने आलमगीर आलम, उनके पूर्व पीएस संजीव कुमार लाल, लाल की पत्नी रीता लाल और घरेलू सहायक जहांगीर आलम के खिलाफ चार जुलाई को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अस्थायी कुर्की आदेश जारी किया है।
कुर्की के तहत दर्ज इन सभी संपत्तियों का कुल मूल्य 4.42 करोड़ रुपये है। एजेंसी ने कहा कि रीता लाल को छोड़कर इन आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र भी रांची की एक विशेष पीएमएलए अदालत में गुरुवार को दायर किया गया। इस मामले में ईडी ने कांग्रेस नेता और पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के अलावा लाल और जहांगीर आलम को गिरफ्तार किया था।
ईडी ने छह मई को संजीव कुमार लाल और जहांगीर आलम के यहां छापा मारा था और उनके नाम पर एक फ्लैट से कुल 32.2 करोड़ रुपये बरामद किए थे। इस मामले में चार पहिया और दो पहिया वाहन, आभूषण और डिजिटल उपकरणों के अलावा कुल 37.55 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की गई है।
एजेंसी ने कहा था कि जांच राज्य के ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितताओं से संबंधित है, जिसका नेतृत्व कभी आलमगीर आलम करते थे।
ईडी ने दावा किया कि जांच में पाया गया कि निविदा आवंटन के लिए कुल निविदा मूल्य का 3.2 प्रतिशत ठेकेदारों से लिया जाता था, जिसे झारखंड सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग में ऊपर से नीचे तक मशीनीकृत तरीके से वितरित किया जाता था। जिसमें मंत्री (पूर्व) आलमगीर आलम के लिए लगभग 1.5 प्रतिशत का कमीशन भी शामिल है।