Ed Action In Torres Ponzi Case Raids Were Conducted At More Than 10 Places In Mumbai-jaipur News In Hindi – Amar Ujala Hindi News Live

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ED action in Torres Ponzi case Raids were conducted at more than 10 places in Mumbai-Jaipur News In Hindi

ईडी रेड।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को टोरेस निवेश नामक एक धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छापेमारी की। इस मामले में कई निवेशक को कथित तौर पर ठगी का शिकार हुए थे। छापेमारी मुंबई और जयपुर के लगभग 10-12 स्थानों पर की गई। बता दें कि ईडी ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक आपराधिक शिकायत दर्ज की थी। अब तक 3,700 से अधिक निवेशकों ने मुंबई पुलिस से धोखाधड़ी की शिकायत की है, और धोखाधड़ी की कुल राशि 57 करोड़ रुपये से ज्यादा बताई जा रही है।

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एमएलएम योजनाओं का इस्तेमाल कर ठगी का आरोप

टोरेस ब्रांड के स्वामित्व वाली एक आभूषण कंपनी पर पोंजी और मल्टी-लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) योजनाओं का इस्तेमाल करके निवेशकों से करोड़ों रुपये ठगने का आरोप है। यह घोटाला तब सामने आया जब इस महीने की शुरुआत में दादर (पश्चिम) में कंपनी के एक स्टोर पर सैकड़ों निवेशक इकट्ठा हुए, क्योंकि कंपनी ने उन्हें वादा की गई रकम देना बंद कर दिया था। पुलिस ने अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक उज्बेकिस्तान का नागरिक तजागुल ज़ासातोव, एक रूसी नागरिक वैलेंटिना गणेश कुमार, और सर्वेश सुर्वे शामिल हैं। ये सभी कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी हैं।

निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कंपनी का प्रलोभन

जांचकर्ताओं का कहना है कि कंपनी के प्रमोटरों ने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए कार, फ्लैट, गिफ्ट कार्ड और हैम्पर्स जैसे पुरस्कार देने का वादा किया था।  बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि पुलिस ने इस घोटाले में त्वरित कार्रवाई नहीं की, जिससे उन्होंने अपना कर्तव्य ठीक से नहीं निभाया। कोर्ट ने कहा कि कोई भी अधिकारी जल्द कार्रवाई करने के लिए तत्पर नहीं था। 

धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड की तालाश जारी

साथ ही मामले से जुड़े सूत्रों का मानना है कि अभी तक पुलिस और ईडी दोनों ही इस धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड की तलाश कर रहे हैं, जिसने आभूषण कंपनी (प्लेटिनम हर्न) की शुरुआत की थी, जो टोरेस ब्रांड की मालिक है। यह फर्म वही जगह है, जहां से आरोपियों को शुरुआती फंड मिला था।



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