Eam Jaishankar Says Tolerance For Any Kind Of Cross-border Terrorism Activity Very Low In India – Amar Ujala Hindi News Live

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EAM Jaishankar says Tolerance for any kind of cross-border terrorism activity very low in India

एस जयशंकर ने दी पाकिस्तान को चेतावनी।
– फोटो : अमर उजाला

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सीमा पार से होने वाली आतंकी गतिविधियों को लेकर पाकिस्तान पर निशाना साधा है। साथ ही उन्होंने पड़ोसी देश को इसके परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी है। सीआईआई वार्षिक बिजनेस समिट 2024 में बोलते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि भारत में किसी भी तरह की सीमा पार आतंकवादी गतिविधि के प्रति सहनशीलता बहुत कम है। अगर ऐसा कुछ होता है तो एलओसी और सीमा पर इसका असर पड़ेगा।  

‘पाकिस्तान लगातार आतंकी गतिविधियों का अभ्यास कर रहा’

बिजनेस समिट में बोलते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लगातार आतंकी गतिविधियों का अभ्यास कर रहा है। पहले हमारे देश में आतंकवाद को अपने पड़ोसी के सनकीपन के रूप में देखते थे। अब हमने आतंकवाद के साथ निपटने के लिए खुद को उसी तरह से तैयार किया है। एस जयशंकर ने कहा कि 2014 में भारत ने साफ तौर पर निर्णय लिया था कि हम सीमा पार के आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेंगे। 

 

बंद कर दे आंतक का धंधा तो…

विदेश मंत्री ने उरी और बालाकोट की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि इसका परिणाम उन्होंने देखा है। अगर हमारा पड़ोसी ऐसी हरकतें करना बंद कर दे तो हम भी उसके प्रति एक सामान्य पड़ोसी की तरह व्यवहार करेंगे। अब गेंद उनके पाले में है। अगर वे आतंक के अपने धंधे को बंद कर देते हैं जिसे उन्होंने कई दशकों में बनाया है, तो लोग उनके साथ एक सामान्य पड़ोसी की तरह व्यवहार करेंगे। 

चीन से सीमा विवाद अधिक जटिल

चीन पर बोलते हुए उन्होंने ड्रैगन के साथ सीमा विवादों को अधिक जटिल बताया। जयशंकर ने कहा कि चीन के साथ संबंधों की जटिलता के तीन पहलू हैं। एक बुनियादी पहलू यह है कि सीमा क्षेत्र में शांति भंग हो गई है। जयशंकर ने कहा कि अगर कोई देश लिखित समझौते से पीछे हट गया है और भारत की सीमाओं पर कुछ कर रहा है, तो हम यह नहीं कह सकते कि व्यापार सामान्य रूप से जारी रहेगा और अन्य चीजें नहीं होंगी।  

दूसरे मुद्दे पर प्रकाश डालते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि चीन से संबंध व्यापार असंतुलन का मुद्दा भी है। उन्होंने कहा कि भारत के व्यापारिक समुदाय के साथ हमारी कुछ चुनौतियां है। हमारे यहां व्यापारी अभी भी कीमतों पर आधारित विकल्प चुन रहे हैं। मैं व्यापार की मजबूरी को समझता हूं लेकिन लंबे समय में, हमें यह देखना होगा कि हम व्यवसायों को और अधिक कैसे प्रोत्साहित कर सकते हैं। इसके लिए हमें और अधिक घरेलू उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है।

तीसरा मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा फिल्टर का है। व्यावसायिक प्रस्ताव में हमें राष्ट्रीय सुरक्षा संवेदनशीलता का मूल्यांकन करना होगा जो वहां हो सकती है।





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