नन्हें शावक
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इन दिनों चंबल नदी घड़ियाल के नन्हे शावकों से गुलजार हो रही है। नेस्टिंग की समय अवधि पूरी होने पर रेत में दबे घड़ियाल के अंडों से शावक निकलना शुरू हो गए हैं। चंबल में नन्हें शावकों ने क्रीड़ा करना और तैरना शुरू कर दिया है।
सुबह-शाम वन्य जीव प्रेमी भी लुत्फ उठा रहे हैं। वाइल्ड लाइफ डीएफओ नाहर सिंह ने बताया कि एक मादा घड़ियाल 20 से 35 अंडे देती है, जो कि चंबल किनारे ही रेत में अंडों को दबा देती है। बच्चों के अंडे से बाहर निकलने का दौर करीब तीन माह तक चलेगा।
अंडों से घड़ियाल के शावक निकालने के बाद करीब 2 महीने तक घड़ियाल मादा अपने बच्चों की देखभाल और परवरिश करती है। चंबल नदी में मौजूदा वक्त में लगभग ढाई हजार घड़ियाल प्रजाति का कुनबा है। इसके अलावा करीब 1000 मगरमच्छ और एक दर्जन डॉल्फिन मौजूद हैं।