Dhillon Brothers Suicide Case; Complainant Raised Questions On Kapurthala Police Investigation – Amar Ujala Hindi News Live

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Dhillon Brothers Suicide Case; Complainant raised questions on Kapurthala Police investigation

शिकायतकर्ता ने कपूरथला पुलिस की जांच पर उठाए सवाल
– फोटो : संवाद

विस्तार


पंजाब के कपूरथला के बहुचर्चित ढिल्लो ब्रदर्स सुसाइड केस में 14 माह बाद भी कपूरथला पुलिस चालान पेश नहीं कर पाई है। जिसके चलते अब शिकायतकर्ता ने पुलिस की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा किया है। वहीं, पीड़ित परिवार की ओर से शिकायतकर्ता पर यू-टर्न लेने के आरोप को भी झूठा करार दिया गया है। यह दावा शिकायतकर्ता मानव उप्पल ने कपूरथला में मीडिया संग हुई प्रेसवार्ता में किया है। मानव ने जश्नप्रीत सिंह के मिले शव की पहचान के लिए करवाए गए डीएनए टेस्ट पर भी सवालिया निशान लगाया है। 

ढिल्लों ब्रदर्स (जश्नप्रीत सिंह और मानवजीत सिंह ) की ओर से अगस्त 2023 में गोइंदवाल पुल से छलांग लगाकर आत्महत्या करने और जालंधर के पुलिस इंस्पेक्टर नवदीप सिंह को सस्पेंड किए जाने के मामले में शिकायतकर्ता मानव उप्पल ने खुलासा किया कि पीड़ित परिवार ने उसे जैसा बयान दिया था, वैसा ही बयान दर्ज करवा कर कार्रवाई करवाई गई थी।

हालांकि मौजूदा स्थिति में परिवार इस मामले से पल्ला झाड़ रहा है और वह अकेला ही इस मामले में इंसाफ दिलाने के लिए संघर्ष कर रहा है, क्योंकि मानवजीत और जश्नप्रीत उसके घनिष्ठ दोस्त थे। वहीं उन्होंने 24 अक्तबर 2024 को जालंधर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। जिसके अगले ही दिन पुलिस ने परिवार का डीएनए सैंपल फिर से जांच के लिए भेजा है।

जबकि कपूरथला पुलिस पहले भी डीएनए टेस्ट करवा चुकी है, लेकिन उसकी रिपोर्ट अभी तक न तो मुझे (मुद्दई) बताई गई है न ही अदालत में पेश की है। शिकायतकर्ता मानव उप्पल ने कपूरथला पुलिस पर सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा कि 14 महीने की इन्वेस्टिगेशन के बाद भी अभी तक चालान पेश नहीं किया गया है और न ही जश्नप्रीत की डीएनए रिपोर्ट के संबंध में कोई खुलासा किया गया है। 14 महीने में ऐसी कौन सी जांच बाकी है कि अभी तक ना तो डीएनए रिपोर्ट पेश की गई और ना ही मामले का चालान पेश किया गया है।

पुलिस की ओर से डीएनए सैंपल दोबारा भेजना पुलिस की कार्यशैली पर बड़ा सवाल है, जो यह साबित करता है कि दाल में कुछ काला है। अगर पहले लिए डीएनए की रिपोर्ट मिसमैच है तो घटना के कुछ दिनों बाद मिला शव किसका था?  वहीं, उनकी ओर से जालंधर में की गई प्रेस कांफ्रेंस को भी मिसलीड किया गया है और परिवार ने उस पर यू-टर्न लेने के आरोप लगाए है, जोकि बिलकुल झूठे हैं।

मानव उप्पल ने कहा कि वह अभी भी पीड़ित परिवार के साथ है और इंसाफ की लड़ाई के लिए संघर्ष कर रहा हूं और करता भी रहूंगा, लेकिन जश्नप्रीत और केस को लीड करें मैं इंसाफ के लिए हमेशा साथ रहूंगा।



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