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फिल्म ‘ढाई आखर’ का जब ट्रेलर रिलीज हुआ, तभी से ये तय था कि ये फिल्म देखनी है। उत्सुकता यही देखने की थी कि ‘तीर्थाटन के बाद’ की कहानी को कैसे परदे पर रचा गया होगा? कहानी उस दौर की है जब चिट्ठियां लिखना भी किसी शौक से कम नहीं होता था।
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ढाई आखर
– फोटो : अमर उजाला
Movie Review
ढाई आखर
कलाकार
मृणाल कुलकर्णी
,
हरीश खन्ना
,
रोहित कोकटे
,
प्रसन्ना बिष्ट
,
स्मृति मिश्रा
,
आद्या अग्रवाल
और
आदि
लेखक
अमरीक सिंह दीप
और
असगर वजाहत
निर्देशक
प्रवीण अरोड़ा
निर्माता
कबीर कम्युनिकेशंस
,
आकृति प्रोडक्शंस
और
एस के जैन जामाई
रिलीज
22 नवंबर 2024
विस्तार
बीते साल भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल यानी इफ्फी, गोवा में ये फिल्म लोगों ने पहली बार देखी। चर्चा इस बात की भी रही कि ये फिल्म हिंदी साहित्य को परदे पर उतारने का नया प्रस्थान बिंदु बन सकती है। लंबे इंतजार के बाद इसका ट्रेलर सार्वजनिक हुआ और अब जाकर फिल्म सिनेमाघरों में अपना भाग्य आजमाने को तैयार है। ‘देवरा’, ‘कंगुवा’ और ‘मटका’ जैसी साउथ सिनेमा की बेसिर पैर की फिल्मों को देखने पर सिनेमाघरों में पैसे लुटाने वालों के लिए ये पल प्रायश्चित का है। एक कहानी है जिसे अमरीक सिंह दीप ने लिखा। फिल्म बनाने वालों ने उनका नाम कथाकार के रूप में फिल्म में भी रखा है। इस कहानी पर पटकथा और संवाद लिखे हैं, असगर वजाहत। उनके लिखे नाटक ‘जिस लाहौर नई देख्या, ओ जम्याई नई’ पर इन दिनों राजकुमार संतोषी फिल्म बना रहे हैं। अमरीक सिंह दीप, असगर वजाहत के साथ मिलकर शायर और गीतकार इरशाद कामिल ने इस फिल्म की साहित्य त्रिवेणी बनाई है और बस इतना ही ये फिल्म देखने के लिए काफी है।