गौरतलब है कि अब तक की जांच में सामने आया है कि आईएसबीटी परिसर में 12 अगस्त की रात सीएनजी बस संख्या यूके 07 पीए 5299 में किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म किया गया। उसी रात किशोरी को सीडब्ल्यूसी के बूथ में पहुंचाया गया। यहां से उसे पुलिस की जनरल डायरी में सूचना दर्ज कराकर बालिका निकेतन भिजवाया गया।
17 अगस्त को जब मुकदमा दर्ज हो गया, इसके बाद पुलिस ने बस की तलाश की। चालक बस को दिल्ली ले जाने की तैयारी में था, तभी उसे रोक लिया गया। बस को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। एक अन्य वॉल्वो बस नंबर यूके 07 पीए 3999 भी संदेह के घेरे में है। इसके हेल्पर पर सामूहिक दुष्कर्म मेें शामिल होने का आरोप है।
यह भी बताया जा रहा है कि इस बस का प्रयोग भी वारदात के दौरान किया गया। यह बस भी घटना के बाद से लगातार देहरादून-ऋषिकेश होते हुए दिल्ली के लिए चल रही थी। घटना के बाद से लगातार इसमें सवारियां ले जाई जा रही थीं।
मुकदमा दर्ज होने के बाद भी यह बस सवारियों को लेकर निकली हुई थी। पुलिस ने फोन कर जानकारी ली तो पता चला कि बस ऋषिकेश में है। इस बस को ऋषिकेश से वापस बुलाया गया।