सेना कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह।
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देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को दार्जिलिंग के सुकना कैंट से सेना कमांडरों के सम्मेलन में वर्चुअल रूप से भाग लिया। इस दौरान उन्होंने देश की सीमाओं की सुरक्षा, आतंकवाद से लड़ने और जरूरत के समय नागरिकों व प्रशासन की मदद के लिए आगे आने के लिए भारतीय सेना की तारीफ की। सेना कमांडरों में जोश भरते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय सेना देश का सबसे भरोसेमंद और प्रेरक संगठन है।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सेना कमांडरों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए गंगटोक जा रहे थे। मगर खराब मौसम के कारण उनकी उड़ान सिलीगुड़ी लौट आई। इसके बाद रक्षा मंत्री ने दार्जिलिंग के सुकना कैंट से वर्चुअली सेना कमांडरों को संबोधित किया। उन्होंने हर सैनिक के देश की रक्षा में दिए जा रहे योगदान की प्रशंसा की। साथ ही राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को सम्मानित भी किया।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय सेना हर मुद्दे पर सहायता करती है। यह सीमाओं की रक्षा करने और आतंकवाद से लड़ने के साथ ही नागरिक प्रशासन की सहायता भी करती है। उन्होंने कहा कि मैं पांच साल से अधिक समय से सेना कमांडरों के सम्मेलन में भाग ले रहा हूं। ऐसी चर्चाओं से सशस्त्र बल और पूरे देश को लाभ होता है। उन्होंने सेना में की गई औद्योगिक और तकनीकी प्रगति की भी सराहना की।
वैश्विक स्थिति को लेकर रक्षा मंत्री ने कहा कि हाईब्रिड युद्ध समेत अपरंपरागत युद्ध भविष्य के संघर्षों के अभिन्न अंग हैं। इसलिए सशस्त्र बल रणनीति की योजना बनाते समय यह ध्यान रखें। साथ ही वर्तमान की घटनाओं से निरंतर सीखते रहें। उन्होंने कहा कि आकस्मिक स्थिति से निपटने की सेना की क्षमता अद्भुत है।
उन्होंने चुनौतियों के बावजूद पश्चिम और उत्तरी सीमा पर सड़क संचार के लिए सीमा सड़क संगठन के कामों की भी सराहना की। साथ ही कहा कि सीमा सड़क निर्माण की प्रगति जारी रहे। रक्षा मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खतरे से निपटने में सीएपीएफ/पुलिस बलों और सेना के बीच उत्कृष्ट तालमेल की सराहना करता हूं। जम्मू-कश्मीर में चल रहे समन्वित अभियान क्षेत्र में स्थिरता और शांति बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं। यह हाल ही में हुए चुनावों में भी नजर आया।
रक्षा मंत्री ने उच्च परिचालन तैयारियों और क्षमताओं के लिए सेना की सराहना की। साथ ही मातृभूमि की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी बहादुरों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने सैन्य कूटनीति, विदेशी सेनाओं के साथ स्थायी संबंधों के माध्यम से राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने में सेना के महत्वपूर्ण योगदान और 2024 ओलंपिक खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए भारतीय सेना के खिलाड़ियों की सराहना की। वहीं सम्मेलन में मौजूदा सुरक्षा परिदृश्यों, सीमा स्थितियों और वर्तमान सुरक्षा तंत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर व्यापक चर्चा हुई। सम्मेलन में संगठनात्मक पुनर्गठन, रसद, प्रशासन और मानव संसाधन प्रबंधन से संबंधित मुद्दे भी उठाए गए।