Defense Minister Rajnath Singh Advised China And Pakistan, Says No Conflict With The Interests Of Other Countr – Amar Ujala Hindi News Live

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Defense Minister Rajnath Singh advised China and Pakistan, says no conflict with the interests of other countr

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
– फोटो : पीटीआई

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि  भारत नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति सम्मान और संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून समझौते में निहित सिद्धांतों के पालन के प्रति अटूट संकल्प रखता है। उन्होंने कहा कि, भारत ने विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का लगातार समर्थन किया है और क्षेत्रीय संवाद, स्थिरता और सामूहिक विकास को बढ़ावा देने में आसियान की केंद्रीयता पर जोर देते हुए हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा दिया है।

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‘भारत के हित किसी अन्य देश के साथ टकराव में नहीं हैं’

हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय वार्ता (आईपीआरडी) 2024 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रणनीतिक कारणों से महत्वपूर्ण संसाधनों पर एकाधिकार करने और उन्हें हथियार बनाने के कुछ प्रयासों पर चिंता व्यक्त की और इन प्रवृत्तियों को वैश्विक भलाई के प्रतिकूल बताया। रक्षा मंत्री ने कहा कि समुद्री सहयोग के लिए भारत का प्रयास जारी है। भारत के हित किसी अन्य देश के साथ टकराव में नहीं हैं। किसी भी राष्ट्र के हितों का अन्य राष्ट्रों के साथ टकराव नहीं होना चाहिए। इसी भावना से हमें मिलकर काम करना चाहिए। 

हिन्द प्रशांत के लिए भारत का दृष्टिकोण ‘सागर’ पर आधारित

रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि,  हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए भारत का दृष्टिकोण, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) के विचार पर आधारित है, क्योंकि हम ऐसी साझेदारी को बढ़ावा देने में विश्वास करते हैं, जो सतत विकास, आर्थिक विकास और आपसी सुरक्षा को प्राथमिकता देती हो।  राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि, भारत ने विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का लगातार समर्थन किया है और क्षेत्रीय संवाद, स्थिरता और सामूहिक विकास को बढ़ावा देने में आसियान की केंद्रीयता पर जोर देते हुए हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा दिया है। 

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल, विशेष रूप से नौसेना, क्षेत्र के देशों के साथ सहयोग में सबसे आगे रही है, और अपनी क्षमता तथा क्षमताओं के निर्माण की दिशा में लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि तेजी से विकसित हो रहा वैश्विक समुद्री परिदृश्य गतिशीलता, संसाधन प्रतिस्पर्धा और उभरते सुरक्षा खतरों में बदलाव से आकार लेता है। उन्होंने कहा कि ‘इंडो-पैसिफिक थिएटर’ का उद्भव वैश्विक शक्ति के संतुलन को दर्शाता है। सिंह ने कहा कि, हिन्द प्रशांत क्षेत्र दुनिया के सबसे गतिशील भू-राजनीतिक क्षेत्र के रूप में उभरा है और यह आर्थिक और रणनीतिक हितों के गुरुत्वाकर्षण का केंद्र बन चुका है।

 

रक्षा उत्पादन में निजी क्षेत्र की भूमिका अहम भागीदारी 50% बढ़ाने का लक्ष्य : राजनाथ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत पहले रक्षा क्षेत्र में आयात पर निर्भर था लेकिन अब निर्यात की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। इसमें निजी क्षेत्र की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा है कि अगला लक्ष्य निजी क्षेत्र की कुल भागीदारी 50 फीसदी पहुंचाने का है, जिसमें सरकार की तरफ से पूरा समर्थन दिया जाएगा।

रक्षा मंत्री ने सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (एसआईडीएम) के सातवें वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि रूस-यूक्रेन के संघर्ष से एक बात तो साफ है कि रक्षा और औद्योगिक आधार का मजबूत रहना बहुत जरूरी है।  रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार अपने तीसरे कार्यकाल में एक मजबूत, अभिनव और आत्मनिर्भर रक्षा तंत्र विकसित करने के लिए अपने मौजूदा प्रयासों को नए सिरे से मजबूती प्रदान करेगी। 5,500 से अधिक मदों के लिए स्वदेशीकरण सूची बनाए जाने पर कहा कि इसका मकसद सशस्त्र बलों को स्वदेशी प्लेटफार्मों/उपकरणों से लैस करना है। 



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