सांकेतिक तस्वीर
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अफ्रीकी देश सूडान 16 महीने के संघर्ष और विनाशकारी बाढ़ से तबाह होने के बाद इन दिनों हैजा के प्रकोप से त्रस्त है। हाल के हफ्तों में देश में हैजा से करीब 22 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं सैकड़ों लोग बीमारी से जूझ रहे हैं। सूडान में हैजा असामान्य नहीं है। 2017 में दो महीने से भी कम समय में कम से कम 700 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 22000 लोग बीमार हो गए थे।
स्वास्थ्य मंत्री हैथम मोहम्मद इब्राहिम ने रविवार को एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने बताया कि हैजा से कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई है। इसके अलावा हाल के हफ्तों में काउंटी भर में हैजा के करीब 354 पुष्ट मामले सामने आए हैं। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि इस साल 28 जुलाई तक सूडान में हैजा से 78 मौतें दर्ज की गईं। इस बीमारी ने 1 जनवरी से 28 जुलाई के बीच 2,400 से अधिक लोगों को बीमार कर दिया।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, हैजा तेजी से विकसित होने वाला अत्यधिक संक्रामक संक्रमण है, जो दस्त का कारण बनता है। इलाज न होने पर कुछ घंटों के भीतर मृत्यु संभव है। यह दूषित भोजन या पानी के सेवन से फैलता है।
सेना और एक शक्तिशाली अर्धसैनिक समूह के बीच संघर्ष ने राजधानी, खार्तूम और अन्य शहरी क्षेत्रों को युद्ध के मैदान में बदल दिया। नागरिक बुनियादी ढांचे और पहले से ही खराब स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को नष्ट कर दिया। अतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन के अनुसार, लड़ाई शुरू होने के बाद से 10.7 मिलियन से अधिक लोग अपने घरों से भागने के लिए मजबूर हुए हैं। उनमें से 2 मिलियन से अधिक लोग पड़ोसी देशों में भाग गए।
हाल के सप्ताहों में विनाशकारी मौसमी बाढ़ ने दुख को और बढ़ा दिया है। स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, सूडान के 18 प्रांतों में से 12 में दर्जनों लोग मारे गए हैं और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे बह गए हैं। संयुक्त राष्ट्र प्रवासन एजेंसी के अनुसार, बाढ़ के कारण लगभग 118000 लोग विस्थापित हुए हैं।