पत्नी संग हनुमान मंदिर पहुंचे सीएम केजरीवाल
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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। कोर्ट ने उन्हें कुछ जरूरी शर्तों के साथ जमानत दी है। जमानत मिलने के बाद कल केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आ गए। जिसके बाद सीएम केजरीवाल आज पंत्नी सुनीता केजरीवाल संग कनॉट प्लेस स्थित प्रसिद्ध हनुमान दोपहर पहुंचे और वहां दर्शन कर आशीर्वाद लिया। इस मौके पर पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और आप सांसद संजय सिंह भी सीएम के साथ थे।
#WATCH | Delhi CM Arvind Kejriwal along with his wife Sunita Kejriwal, former Deputy CM Manish Sisodia and AAP MP Sanjay Singh offer prayers at Hanuman Mandir in Connaught Place.
Arvind Kejriwal was released from Tihar jail yesterday after the Supreme Court granted him bail in… pic.twitter.com/aZbB9L6XYi
— ANI (@ANI) September 14, 2024
केजरीवाल को जमानत, ”मुख्यमंत्री” अभी भी जेल में
आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल को बेशक कथित आबकारी घोटाले में जमानत मिल गई है, लेकिन ”मुख्यमंत्री” केजरीवाल अभी भी जेल में रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से लगाई गई बंदिशों की वजह से केजरीवाल अभी बतौर मुख्यमंत्री काम नहीं कर सकेंगे। वह उन्हीं जरूरी फाइलों पर दस्तखत कर सकेंगे, जिनको उपराज्यपाल को भेजा जाना है। आप का मानना है कि कैबिनेट विस्तार समेत इसकी बैठकों के बारे में सुप्रीम अदालत से स्पष्टीकरण लेना पड़ेगा। वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने भी इशारा किया है कि इस बारे में वह अदालत का रुख कर सकते हैं।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को सशर्त जमानत दी है। जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय व दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकेंगे। वहीं, किसी भी सरकारी फाइल पर तब तक दस्तखत नहीं करेंगे, जब तक ऐसा करना जरूरी न हो। यह वही फाइलें होंगी, जिनको उपराज्यपाल के पास भेजा जाना है। इससे कैबिनेट बैठक, उसके विस्तार और दूसरे कामों को करने की इजाजत नहीं होगी।
आप की लीगल टीम का भी मानना है कि मुख्यमंत्री के कामकाज पर अदालत ने बंदिशें लगाई हैं जबकि दिल्ली कैबिनेट का विस्तार लंबित है। पूर्व मंत्री राजकुमार आनंद के इस्तीफे के बाद कैबिनेट में एक पद खाली है। वहीं, कैबिनेट बैठक से तैयार होने वाले कैबिनेट नोट पर मुख्यमंत्री को दस्तखत करने होंगे। दूसरे और भी कई जरूरी काम हैं, जिनकी फाइल उपराज्यपाल को नहीं भेजनी होती। इन सब मामलों में स्पष्टीकरण के लिए वह अदालत जाएंगे। इस पर पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का भी कहना है कि इस तरह की शर्तों को अगर अदालत में चुनौती दी जाएगी तो वह नहीं टिकेंगी।