Canada Appease Hardliners Khalistani Moment Of Silence To Mark One Year Of Hardeep Singh Nijjar Killing – Amar Ujala Hindi News Live

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canada appease hardliners khalistani moment of silence to mark one year of hardeep singh nijjar killing

खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर।
– फोटो : एनआईए वेबसाइट/एएनआई

विस्तार


भारत के बार-बार कहने के बावजूद कनाडा अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। दरअसल कनाडा की सरकार खालिस्तानी चरमपंथियों को लुभाने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। ताजा मामला हरदीप सिंह निज्जर से जुड़ा है। दरअसल कनाडा की संसद में आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की याद में मौन रखा गया, जिसके जवाब में भारत ने भी कनाडा को उसी भाषा में जवाब दिया है। कनाडा के वैंकुवर स्थित भारत के वाणिज्य दूतावास ने 23 जून को एयर इंडिया आंतकी हमले की याद में श्रद्धांजलि सभा के आयोजन का एलान किया है। 

एयर इंडिया विमान हमले की बरसी मनाएगा भारतीय वाणिज्य दूतावास

वाणिज्य दूतावास ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि ‘भारत, आतंकवाद के पागलपन के खिलाफ है और इस वैश्विक संकट से निपटने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है। 23 जून 2024 को एयर इंडिया फ्लाइट 182 (कनिष्क) पर हुए कायराना आतंकी हमले की 39वीं बरसी है, जिसमें 329 मासूम लोगों की जान चली गई थी। मरने वालों में 86 बच्चे भी थे। यह नागरिक उड्डयन के इतिहास की सबसे घिनौनी आतंकी घटनाओं में से एक है। 23 जून, 2024 को वैंकुवर में स्टैनले पार्क में एयर इंडिया मेमोरियल पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा। ज्यादा से ज्यादा संख्या में भारतीय मूल के लोगों को इस कार्यक्रम में आकर आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखानी चाहिए।’

खालिस्तानी आतंकियों ने दिया था हमले को अंजाम

22 जून 1985 को एयर इंडिया की फ्लाइट 182 ने कनाडा के मॉन्ट्रियल एयरपोर्ट से नई दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी। अगले दिन यानी 23 जून 1985 को जब विमान आयरिश हवाई क्षेत्र में उड़ान भर रहा था तो उसमें जोरदार धमाका हुआ और विमान का मलबा टुकड़े-टुकड़े होकर अटलांटिक महासागर में जा गिरा था। इस हमले को ऑपरेशन ब्लू स्टार का बदला लेने के लिए खालिस्तानी आतंकियों ने अंजाम दिया था। हमले में विमान में सवार क्रू समेत सभी 329 लोग मारे गए थे। उल्लेखनीय है कि भारतीय खुफिया एजेंसियों ने कनाडा की सरकार को चरमपंथियों के हमले को लेकर आगाह भी किया था, लेकिन इसके बावजूद कनाडा की सरकार ने सावधानी नहीं बरती और 329 लोगों को कनाडा सरकार की लापरवाही की कीमत चुकानी पड़ी थी। अब एक बार फिर भारत सरकार कनाडा की सरकार को वहां पनप रहे चरमपंथियों को लेकर आगाह कर रही है, लेकिन 1985 की तरह अब भी कनाडा सरकार चरमपंथियों के महिमामंडन में जुटी है। 

निज्जर को लेकर भारत-कनाडा के रिश्तों में आया तनाव

भारत के वाणिज्य दूतावास का यह कदम कनाडा की संसद में निज्जर की याद में मौन रखने के बाद सामने आया है। गौरतलब है कि हरदीप सिंह निज्जर भारत में वांछित आतंकवादी था और चरमपंथी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख था। भारत ने जो 40 वांछित आतंकियों की लिस्ट कनाडा को सौंपी थी, उसमें निज्जर का भी नाम था। निज्जर की बीते साल 18 जून को कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया के एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा की सरकार ने निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाया था। हालांकि भारत की सरकार ने कनाडा के आरोपों को बेतुका बताकर खारिज कर दिया था। इस मामले को लेकर दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बढ़ गया था। इसी महीने इटली में आयोजित हुए जी7 सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री ने भारत के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई थी। 

कौन था हरदीप सिंह निज्जर

हरदीप सिंह निज्जर पंजाब के जालंधर से साल 1997 में फर्जी पासपोर्ट पर कनाडा गया था। हालांकि निज्जर के शरणार्थी के दावे को कनाडा की सरकार ने खारिज कर दिया था। इसके बाद निज्जर ने कनाडा में शादी करके वहां की नागरिकता लेने की कोशिश की, लेकिन कनाडा सरकार ने फिर से उसका आवेदन खारिज कर दिया। हालांकि बीते साल जब निज्जर की गोली मारकर हत्या की गई तो कनाडा की सरकार ने निज्जर को कनाडा का नागरिक बताया। निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा की पुलिस ने तीन भारतीय युवकों को गिरफ्तार किया है। 



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