
ब्रिटिश विदेश सचिव डेविड लैमी
– फोटो : एएनआई
विस्तार
ब्रिटिश विदेश सचिव डेविड लैमी बुधवार यानी आज से भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आएंगे। लैमी और विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच शाम को व्यापक बातचीत में लंबे समय से लंबित भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) और ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों पर नई दिल्ली की चिंताओं पर चर्चा होने की उम्मीद है। इसके अलावा, दोनों के बीच रूस-यूक्रेन संघर्ष और मध्य पूर्व की स्थिति सहित गंभीर वैश्विक चुनौतियों पर भी विचार-विमर्श करने की संभावना है।
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ब्रिटेन में प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की लेबर सरकार के सत्ता में आने के बाद दोनों पक्षों के बीच यह पहली उच्च स्तरीय बातचीत होगी।
ब्रिटिश विदेश सचिव का वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से भी मिलने का कार्यक्रम है, जिसके दौरान दोनों पक्षों द्वारा प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने की संभावना है। जानकारी के अनुसार, दोनों पक्ष पहले ही लगभग 90 प्रतिशत व्यापार समझौते पर सहमत हो चुके हैं, लेकिन शेष 10 प्रतिशत में ऑटोमोबाइल और स्कॉच व्हिस्की पर आयात शुल्क और व्यापारिक लोगों के लिए वीजा जैसे कई पेचीदा मुद्दे शामिल हैं। हालांकि, दोनों पक्ष जल्द से जल्द वार्ता समाप्त करने के लिए तैयार हैं।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश पीएम स्टार्मर के बीच छह जुलाई को फोन पर बातचीत हुई थी। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच एफटीए का मुद्दा उठा था। भारत सरकार के एक रीडआउट में कहा गया है कि दोनों नेता पारस्परिक रूप से लाभकारी भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते को जल्द पूरा करने की दिशा में काम करने पर सहमत हुए। पीएम मोदी से फोन पर बातचीत के बाद यूके सरकार ने एक बयान जारी किया, जिसमें पीएम स्टार्मर ने कहा कि वह एक ऐसे समझौते को समाप्त करने के लिए तैयार हैं जो दोनों पक्षों के लिए काम करेगा।
विदेश मंत्री जयशंकर और ब्रिटिश विदेश सचिव लैमी के बीच बातचीत के दौरान भारत-ब्रिटेन रोडमैप के कार्यान्वयन की समीक्षा करने की उम्मीद है, जो कई क्षेत्रों में संबंधों को व्यापक आधार देना चाहते हैं। 2021 में, भारत और यूके ने व्यापार और अर्थव्यवस्था, रक्षा और सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और लोगों से लोगों के बीच कनेक्शन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में संबंधों का विस्तार करने के लिए 10-वर्षीय रोडमैप अपनाया।