मौके पर पहुंची तीन थानों की पुलिस और गुस्साई भीड़ को समझाते सदर एसडीओ
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बिहार के नालंदा में शुक्रवार की सुबह विचाराधीन कैदी की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई। पिछले तीन सप्ताह से मंडल कारा बिहार शरीफ में युवक बंद था। मृतक की पहचान नगर थाना क्षेत्र के नईसराय निवासी छोटे राम के बेटे राजू कुमार (19) के रूप में की गई है। बताया जा रहा है कि कैदी की अचानक तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद आनन-फानन में उसे जेल पुलिस द्वारा सदर अस्पताल में लाकर भर्ती कराया गया।
पुलिस पर पिटाई करने का आरोप
मृतक के भाई ने बताया कि 25 दिन पूर्व नगर थाना पुलिस झूठे आरोप में उसके भाई को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई। फिर तीन दिनों तक थाने में रखकर उसकी पिटाई की गई, जिसके कारण उसके भाई की तबीयत खराब हो गई। उन्होंने बताया कि उन लोगों ने राजू कुमार के बेहतर इलाज के लिए नगर पुलिस और जेल पुलिस से गुहार लगाई थी। लेकिन किसी के द्वारा कोई मदद नहीं की गई। शुक्रवार की सुबह जेल पुलिस से सूचना मिली कि उसके भाई की तबीयत ज्यादा खराब है। इसी सूचना पर वे लोग सदर अस्पताल पहुंचे, जहां उनके भाई की मौत हो चुकी थी।
एनडीपीएस एक्ट में गया था जेल
जानकारी के मुताबिक, नगर थाना पुलिस ने कांड संख्या 202/24 में राजू कुमार समेत कुल छह आरोपियों को 39 पुड़िया ब्राउन शुगर और 28 हजार रुपये नकदी के साथ 10 मार्च को नगर थाना पुलिस ने गौरागढ़ स्थित नीम के पेड़ के पास से गिरफ्तार किया था। एनडीपीएस एक्ट में राजू जेल गया था। बताया जा रहा है कि मौत की सूचना मिलने के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। परिवार वालों के चीत्कार से अस्पताल परिसर गमगीन हो गया। युवक तीन भाई और एक बहन में सबसे छोटा था।
अस्पताल चौक को दो घंटे तक रखा जाम
वहीं, कैदी की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने शव को जेल पुलिस की अभिरक्षा से लेकर हॉस्पिटल मोड़ पर जाम लगा दिया। परिजनों का आरोप है कि युवक को किसी प्रकार का रोग नहीं था। पुलिस के टॉर्चर से उसकी मौत हुई है। वहीं, सड़क जाम की सूचना पर पहुंची नगर थाना पुलिस को भीड़ ने पत्थरबाजी कर खदेड़ दिया। कम बल रहने के कारण पुलिस को पीछे हटना पड़ा।
इसके बाद सदर एसडीओ अभिषेक पलासिया और डीएसपी नुरुल हक पुलिस लाइन से बल को मंगा कर लहेरी, सोहसराय और नगर थानों की पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे। फिर पुलिस ने हंगामा कर रहे लोगों को खदेड़ दिया। बताया जा रहा है कि डीएसपी ने भीड़ पर अपनी पिस्तौल तान दी। इसके बाद भीड़ तितर-बितर हो गई। उसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। इस दौरान गुस्साए लोगों ने कई गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए तो कई वाहन चालकों से भी उलझ पड़े।
जेल सुपरिंटेंडेंट प्रभात कुमार ने बताया कि विचाराधीन कैदी को शुक्रवार की सुबह खून की उल्टी हुई। इसके बाद उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया। जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। दो सप्ताह पूर्व ही ब्राउन शुगर के मामले में जेल आया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का खुलासा हो सकेगा।
सदर एसडीओ अभिषेक पलासिया ने बताया कि कैदी जेल में बंद था, जिसे खून की उल्टी होने की शिकायत पर सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिजनों के द्वारा शव को हॉस्पिटल चौक पर लाकर जाम लगा दिया गया था। उन्होंने कहा कि जो भी आरोप परिजनों के द्वारा लगाए जा रहे हैं, जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मामला स्पष्ट हो सकेगा।