जीतनराम मांझी
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तिरुपति मंदिर प्रसादम विवाद पर केन्द्रीय मंत्री सह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि व्यापार का दृष्टिकरण हो गया है। उन्होंने साधारण बाजारों में भी कई बार ऐसा सुनने को मिलता है। अमुक सामान में अमुक चीज होता है तो उसका बाजार डाउन हो जाता है। यह दूसरा कंप्टीटर ऐसा कर देता है। तिरुपति में कुछ लोगों ने ऐसा किया है। वहां मंदिर की संपत्ति अधिक है। यहां तक कि राम मंदिर में भी कई टन लड्डू आए थे। पाॅपुलरिटी बढ़ रही है, इसलिए काउंटर करने के लिए ऐसा किया गया हो। इस मामले की जांच होनी चाहिए और दोषियों पर उचित कार्रवाई होगी चाहिए।
जानिए क्या है लड्डू विवाद?
मालूम हो कि आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के लड्डू में फिश ऑयल और जानवरों की चर्बी मिलाने की पुष्टि हुई थी। राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार तिरुपति मंदिर में लड्डु का प्रसाद तैयार किया जाता है। उसमें जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिला है। ये सब कुछ उस घी में मिला है। जिससे लड्डू तैयार किया जाता है।
महादलित का जमीन राजद के करते हैं कब्जा
केंद्रीय मंत्री सह बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि नवादा में महादलितों के घर में आग लगाने की वारदात की घटना को लेकर आज निरीक्षण करने घटनास्थल जाएंगे। निरीक्षण के बाद पीड़ित परिवारों को राहत कार्य और आर्थिक मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि इस घटना में राजद के लोगों का हाथ है। महादलित परिवारों के जमीन पर राजद के लोग कब्जा कर लेते है या फिर औने पौने दाम पर जमीन को खरीद लेते है। उस जमीन पर महादलित परिवार के लोग रहते आ रहे है। उस पर केस चल रहा है। वैसे लोगो को लगा होगा की केस हार जाएंगे। आरोपियों ने वहां से महादलितों को भगाने के लिए ऐसी वारदात को अंजाम दिया है। पूरे बिहार में देखिए तो 100 केस अगर आता है तो उसमे 70 केस में राजद के लोगो की बात सामने आती है। हमने विधानसभा में कई बार मांग की है। कमिशन बिठा कर इसकी पूरी जांच होनी चाहिए।