पटना हाईकोर्ट ने सुभाष यादव की याचिका खारिज कर दी।
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झारखंड चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल को बड़ा झटका लगा है। राजद ने जिसे झारखंड के कोडरमा विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था, वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। पटना हाईकोर्ट राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी सुभाष यादव की याचिका को खारिज कर दी है। इस याचिका के जरिए सुभाष यादव ने कोडरमा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने की मांग की थी। उस वक्त कोर्ट ने उन्हें चुनाव लड़ने की हरी झंडी दी थी।
बगैर पक्षकार बनाए ही याचिका दायर की गई
पटना हाईकोर्ट जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल की एकलपीठ ने जेल में सुभाष यादव की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए हैरानी जताई कि ईडी को बगैर पक्षकार बनाए ही याचिका दायर की गई है। इसके बाद कोर्ट ने अपने ही आदेश को वापस ले लिया। कोर्ट ने कहा कि 22 अक्टूबर को केस का फैसला ईडी को सुने बिना ही दिया गया था। इसलिए आदेश को वापस लिया जाता है। चीफ जस्टिस की अनुमति से किसी अन्य कोर्ट में मामले की सुनवाई के लिए सूचिबद्ध करने का आदेश दिया है। इस आदेश के बाद जेल में बंद सुभाष यादव के चुनाव लड़ने के मनसूबे पर पानी फिर गया।
ईडी ने कहा- कोर्ट को गुमराह कर अनुमति ली थी
ईडी को प्रतिवादी नहीं बनाया था। ईडी ने कहा कि कोर्ट को गुमराह कर अनुमति ली थी। मंगलवार को अनुमति मिली थी, बुधवार को नामांकन किया था और गुरुवार को कोर्ट ने राज्य सरकार और ईडी की दखल पर हाईकोर्ट को जानकारी दी। इसपर ईडी ने मंगलवार को दी गई अनुमति वापस ले ली। अब चूंकि नामांकन होईकोर्ट की अनुमति से दाखिल किया गया था, इसलिए अगली सुनवाई में यह फैसला होगा कि तथ्यों और पक्षकारों को छिपाकर नामांकन के लिए अुनमति लेने को अवैध ठहराया जाएगा या नहीं। अगर अवैध ठहराया गया तो नामांकन रद्द करने की प्रक्रिया के लिए चुनाव आयोग को जानकारी दी जाएगी, साथ ही गलत जानकारी देने या तथ्य छिपाने के मामले में एक और केस दर्ज हो जाएगा।