{“_id”:”6772dc83018fea728e09eccc”,”slug”:”bihar-news-before-2025-new-year-party-remember-bihar-politics-popular-statement-upto-31-december-2024-2024-12-30″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Bihar Politics : चुभने वाली बयानबाजी ने बिहार की सरकार बदल डाली थी; नया साल आने से पहले याद आ रहा बहुत कुछ”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
बिहार की राजनीति को बदलने में बयानवीरों ने निभाई बड़ी भूमिका।
– फोटो : अमर उजाला डिजिटल
विस्तार
वह बयान, जो सरकार बदल दे- वर्ष 2024 में आया था। यकीन न हो तो पहले यह पंक्तियां पढ़ लीजिए- 1. “अक्सर कुछ लोग नहीं देख पाते हैं अपनी कमियां, लेकिन किसी दूसरे पे कीचड़ उछालने को करते हैं बदतमीजियां…।” 2. “खीज जताए क्या होगा, जब हुआ न कोई अपना योग्य। विधि का विधान कौन टाले, जब खुद की नीयत में ही हो खोट।” और, 3. “समाजवादी पुरोधा होने का करता वही दावा है, हवाओं की तरह बदलती जिनकी विचारधारा है।”
यह तीन बयान नहीं आते तो शायद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार विधानसभा 2020 के जनादेश की वापसी के लिए पूरे मन से तैयार नहीं होते। 24 जनवरी 2024 के पहले भी कई बार नीतीश कुमार के महागठबंधन छोड़ने की चर्चा उठती रही थी, लेकिन जब उन्होंने उस दिन कर्पूरी जयंती पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान परिवारवाद पर मन की बात की तो अगले दिन राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर यह तीन बयान देकर खलबली मचा दी। रोहिणी ने मुख्यमंत्री और उनके बेटे को लेकर यह निजी टिप्पणियां कीं, जिसने महागठबंधन सरकार के जाने की पटकथा लिख दी। 26-27 जनवरी तक यह तनाव ऐसा बढ़ा कि 28 जनवरी को सुबह सीएम नीतीश कुमार ने महागठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दिया और फिर भारतीय जनता पार्टी का समर्थन पत्र लेकर शाम में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार के सीएम के रूप में शपथ ले ली।
लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव ने क्या छोड़ा बोलने में!
बयान असल तो विपक्ष के नेता ही देते हैं, चाहे वह कोई भी राज्य हो। बिहार में भी यही होता रहा है। कभी विपक्ष में दिवंगत सुशील कुमार मोदी थे तो वह मोर्चा संभालते थे। फिर सम्राट चौधरी को जिम्मेदारी मिली तो उन्होंने यह किया। इस साल सम्राट चौधरी को शुरू में ही नियंत्रित कर लिया गया, जिसने जनादेश 2020 के तहत एनडीए सरकार की वापसी में कहीं-न-कहीं भूमिका तो निभाई ही। राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव 28 जनवरी की सुबह तक सरकार में थे, तो चुप थे। जैसे ही सत्ता गई तो झटका खाकर संभलते हुए पहला बयान दिया- “कम से कम एक बार बता तो देते, इस बार आपने (नीतीश कुमार) तो कुछ कहा भी नहीं।” इसके बाद धीरे-धीरे वह पुरानी रौ में आए। अब वह नीतीश कुमार को ‘थके हुए मुख्यमंत्री’ तो भाजपा को ‘कूड़ेदान’ कह रहे। वह बिहार में अफसरशाहों पर भी लगातार हमला कर रहे। वैसे, पुत्र से दो कदम आगे आज भी पिता लालू प्रसाद यादव हैं। उनका हालिया बयान सबसे ज्यादा चर्चा में रहा, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यात्रा के दौरान महिला संवाद की बात आने पर उन्होंने कहा कि वह आंख सेंकने जा रहे हैं। लालू प्रसाद की इस बयान पर इस हद तक ट्रोलिंग हुई कि तेजस्वी यादव को इसे ठंडा करने के लिए चुनाव से बहुत पहले चुनावी वादे के रूप में ‘माई बहिन मान’ योजना की जानकारी सार्वजनिक करनी पड़ी। पिछले दिनों लालू प्रसाद यादव ने गृह मंत्री अमित शाह को पागल कहते हुए बयान दिया था- “डॉ. आंबेडकर के बारे में उनके बयान को हमने सुना है। यह घृणा कार्य है। उन्हें फ़ौरन इस्तीफा दे देना चाहिए।”
सीएम नीतीश कुमार ने 4000 सीटें दिला दीं!
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई बार बोलते-बोलते भटकने के कारण सुर्खियों में रहे। भाजपा ने इस बार 400 पार का नारा दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी सभाओं में 4000 सीटें एनडीए की झोली में डालने की अपील कर दी। नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव के बाद ज्यादा कुछ बोला नहीं, लेकिन उस दौरान और उसके बाद बार-बार एक बात जरूर दुहराई कि दो बार गलती हो गई, लेकिन अब कभी ऐसा नहीं करेंगे। वह महागठबंधन में वापस नहीं जाने की बात एक-दो नहीं, कई बार कह चुके हैं। बार-बार दुहरा रहे हैं, यह अलग बात है कि कभी उनकी चुप्पी तो कभी हाव-भाव से यह अफवाह उड़ जाती है कि वह महागठबंधन में जाने की सोच रहे हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में उनकी ओर झुकते हुए सभाओं में इतनी बार एनडीए नहीं छोड़ने की बात कही है कि उनकी पार्टी जनता दल यूनाईटेड और सबसे बड़े दल भारतीय जनता पार्टी के अंदर इसपर संशय नहीं है। हां, विपक्ष और सनसनी फैलाने वाले मीडियाकर्मी इस बात को वक्त-बेवक्त उछालते रहे और सिलसिला जारी है।
कुछ विवादित और चर्चित बयान यह भी रहे हैं
अब हर हिंदू को त्रिशूल रखना चाहिए और उसकी पूजा भी करनी चाहिए, ताकि बुरे वक्त पर वही त्रिशूल आपकी रक्षा कर सके। हम सब हिंदू पूर्वजों के सत्ता लोभ का परिणाम भुगत रहे हैं। धर्म की रक्षा करेंगे, तो धर्म आपकी रक्षा करेगा।
गिरिराज सिंह, केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता
मेरा बेटा तो पीएचडी है। नेट क्वालिफाइड प्रोफेसर है। हम भी बीए ऑनर्स हैं। उनकी डिग्री क्या है वो बताएं? तेजस्वी हमको शर्मा कहते हैं तो वो अपने पिताजी के बारे में बताएं कि उनके पिताजी किसके जन्मे हुए हैं। गड़ेरिया के जन्मे हुए हैं। वो गड़ेरिया हैं, यादव नहीं।
जीतन राम मांझी, केंद्रीय मंत्री और हम-से प्रमुख
संगीन आरोपों की वजह से आनंद मोहन जेल में थे। अब उसी समाज (दलित) के लोगों पर फिर से वह उंगली उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कृपा से आनंद मोहन जेल से बाहर आए हैं और मुख्यमंत्री की वजह से उनके परिवार के सदस्य राजनीति में हैं।
चिराग पासवान, केंद्रीय मंत्री और लोजपा-आर प्रमुख
पहले असुरों को दांत होता था, सींग होता था। धीरे-धीरे सृष्टि से सींग और वैसे दांत गायब हो गए। अब असुर प्रवृति के लोग समाज में हैं, जो अराजकता फैलाकर दलितों-शोषितों को सताकर खुद जमींदारी चलाते हैं। यह राजद की प्रवृत्ति है। असुरों की पार्टी है राजद।
विजय कुमार सिन्हा, उप मुख्यमंत्री और भाजपा नेता
लालू यादव बिहार के सरकारी खजाने को चुराने वाले चोर हैं। यह देश के पंजीकृत अपराधी हैं और गृह मंत्री को गाली दे रहे हैं! लालू प्रसाद जैसा अपराधी जिस राज्य में रहेगा, वह राज्य कभी बड़ा नहीं हो सकता। लालू यादव देश को कमजोर कर रहे हैं। वह मानसिक रूप से बीमार हैं।
सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री और भाजपा नेता