संयुक्त श्रम विभाग भवन का फोटो
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‘अमर उजाला’ की पड़ताल के बाद विभाग ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है। बुधवार को हमने सबसे पहले यह खबर सामने आई थी कि जिले कोटवा प्रखंड के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी ने बिना बेटी वाले लोगों को भी मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत 50-50 हजार रुपए का लाभ दे दिया था। यह महिलाएं खुद 21 या 25 साल की हैं और इन्होंने अपनी 18-18 साल की बेटी की शादी के नाम पर योजना की राशि उठा ली थी। इसी तरह एक ऐसी महिला की जानकारी भी सामने लायी गई थी, जिन्होंने खुद ही जिला प्रशासन के समक्ष शपथ पत्र में केवल अपने चार बेटों की जानकारी दी थी और योजना का लाभ लेने के लिए अपनी फर्जी बेटी दिखा दी थी।