राष्ट्रपति जो बाइडन
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गाजा में इस्राइल और हमास के बीच जारी युद्ध पर विराम लगाने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने युद्ध विराम और बंधकों की रिहाई को लेकर कहा कि दोनों पक्ष समझौते को लेकर पहले से ज्यादा करीब हैं। आशा है कि शीघ्र ही युद्ध विराम पर सहमति बनेगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान दोहा में दो दिनों की युद्ध विराम वार्ता के बाद आया है। जहां दो दिनों के मंथन के बाद भी कोई सहमति नहीं बन पाई है। इस वार्ता में इस्राइल के खुफिया प्रमुख डेविड बार्निया, अमेरिका और मिस्त्र के समकक्षों के साथ शामिल हुए थे। अब सभी पक्ष युद्ध को रोकने के लिए अगले सप्ताह फिर से वार्ता करेंगे।
इस बारे में मीडिया से बात करते हुए बाइडन ने कहा कि मैं कुछ भी गड़बड़ नहीं बोलना चाहता लेकिन हम युद्ध विराम को लेकर पिछले तीन दिनों की तुलना में काफी करीब हैं। सभी पक्ष ने दो दिनों की वार्ता के बाद अगले हफ्ते भी बातचीत जारी रखने के लिए कहा है।
गौरतलब है कि गाजा में पिछले 10 महीनों से चल रहे युद्ध को लेकर यह पहली दफा नहीं है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने समझौते को लेकर आशावादी होने की बात कही हो। बाइडन ने कहा कि समझौते को लेकर हमारे पास कुछ हो सकता है लेकिन अभी हम वहां तक पहुंचे नहीं हैं।
पीएम मोदी की नेतन्याहू से फोन पर बात
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुक्रवार को अपने इस्राइली समकक्ष बेंजामिन नेतन्याहू के साथ फोन पर बातचीत हुई। पीएम मोदी ने इस दौरान पश्चिम एशिया में तनाव कम करने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही सभी बंधकों की तत्काल रिहाई और मानवीय सहायता जारी रखने की बात दोहराई।
पीएम मोदी ने नेतन्याहू के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत की जानकारी खुद सोशल मीडिया पर दी। उन्होंने कहा कि भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नेतन्याहू के फोन कॉल और हार्दिक शुभकामनाओं की मैं आभार जताता हूं। हमने पश्चिम एशिया के मौजूदा हालात पर चर्चा की। तनाव को कम करने की आवश्यकता पर बल दिया गया।
पीएम ने कहा कि सभी बंधकों की तत्काल रिहाई, युद्ध विराम और निरंतर मानवीय सहायता की आवश्यकता के लिए अपना आह्वान दोहराया। पीएम ने बातचीत और कूटनीति के जरिये संघर्ष के शीघ्र और शांतिपूर्ण समाधान का अपील की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं तथा भारत-इस्राइल रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूत करने के तरीकों पर भी चर्चा की। साथ ही दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के संपर्क में बने रहने पर सहमति जताई। इस्राइल और हमास के बीच संघर्ष छिड़ने के बाद पश्चिम एशिया में तनाव की स्थिति है।
‘इस्राइल से समझौता घातक हो सकता है’
वहीं, पश्चिम एशिया में तनाव और इस्राइल पर ईरान के हमले की चेतावनी को लेकर बनाए जा रहे दबाव को लेकर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने भी बड़ा बयान दिया था। उन्होंने एक दिन पहले कहा कि इस्राइल से समझौता करना या पीछे हटना ईरान के लिए घातक होगा और उसे इसका दंड भुगतना होगा।
हमास प्रमुख इस्माइल हानिया की हत्या के बाद ईरान ने इस्राइल के खिलाफ हमला करने की तैयारी कर ली है। मगर अमेरिका समेत कई अन्य देश युद्ध को रोकने के लिए ईरान पर दबाव बना रहे हैं। इसे लेकर अयातुल्ला अली खामेनेई ने शत्रु देशों के मनोविज्ञान की निंदा की। उन्होंने कहा कि इस्राइल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की किसी योजना को लेकर ईरान पर दबाव डालना या उसे रोकना ठीक नहीं है। उन्होंने ईरान को चेताया कि सैन्य, राजनीतिक या आर्थिक किसी भी तरह की वापसी की जाती है तो ईरान को गंभीर दैवीय दंड झेलना होगा।