बैठक
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शासन ने हल्द्वानी समेत चार शहरों के ड्राफ्ट मास्टर प्लान पर रोक लगा दी है। यह मास्टर प्लान चीफ टाउन प्लानर शशि मोहन श्रीवास्तव के कार्यकाल में तैयार किए गए थे, जिनमें लोगों की सुविधानुसार भू-उपयोग दर्शाने का आरोप है।
जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही इन मास्टर प्लान पर निर्णय होगा। दरअसल, चीफ टाउन प्लानर शशि मोहन श्रीवास्तव के कार्यकाल में एक ओर जहां हल्द्वानी के ड्राफ्ट मास्टर प्लान को लेकर शिकायतें हुईं थी तो एमडीडीए की 108वीं बोर्ड बैठक में उनके तथ्यों को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई थी। इस आधार पर सरकार ने शशि मोहन को शासन में अटैच कर दिया था।
हाल ही में सचिव आवास आर मीनाक्षी सुंदरम ने शशि मोहन की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है। साथ ही उनके कार्यकाल में तैयार किए गए हल्द्वानी, ऋषिकेश, काशीपुर और रुद्रपुर के मास्टर प्लान पर रोक लगा दी। जांच समिति सभी पहलुओं पर जांच करेगी। माना जा रहा कि यदि की गई शिकायत सही निकली तो तैयार ड्राफ्ट मास्टर प्लान में फायदा लेने वाले लोगों को रोक के फैसले से जबरदस्त झटका लगेगा।
वहीं, मास्टर प्लान तैयार करने की प्रक्रिया और लटक सकती है। बता दें कि अमृत-1 के तहत देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, रुद्रपुर, काशीपुर और नैनीताल के लिए मास्टर प्लान के ड्राफ्ट तैयार किए जा रहे हैं।
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मास्टर प्लान तैयार करने वालों की कमी
इधर, विभाग के पास मास्टर प्लान तैयार करने के लिए नगर नियोजकों की भारी कमी है। हर जिले में कम से कम दो सिटी प्लानर होने चाहिए, लेकिन अभी एक भी नहीं है। विभाग में केवल एक वरिष्ठ नगर एवं ग्राम नियोजक हैं। एक अन्य नगर नियोजक स्टडी लीव पर है। फिलहाल आउटसोर्सिंग की मदद से ही काम चल रहा है। उम्मीद जताई जा रही कि राज्य लोक सेवा आयोग के माध्यम से कुछ सिटी प्लानर मिल जाएंगे।