असम में बाढ़
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असम में बाढ़ से हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। गुरुवार को छह और लोगों की मौत हो गई। इनमें से चार गोलाघाट और एक-एक डिब्रूगढ़ और चराइदेव से थे। इनके साथ ही इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफान से मरने वालों की संख्या 62 हो गई है। वहीं, 29 जिलों में 21 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं, दूसरी तरफ राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने बाढ़ प्रभावित मोरीगांव जिले का दौरा किया और भूरागांव गांव के प्रभावित लोगों से बातचीत की। उन्होंने मौजूदा बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान राज्यपाल ने जिला प्रशासन को राहत के लिए पर्याप्त इंतजाम करने का निर्देश दिया। जबकि, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुवाहाटी महानगर क्षेत्र में मालीगांव, पांडु बंदरगाह, मंदिर घाट और माजुली में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार, बाढ़ से असम के 29 जिलों में कुल 21,13,204 लोग प्रभावित हुए हैं। जबकि, 57,018 हेक्टेयर फसल भूमि जलमग्न हो गई है। सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में धुबरी में 6,48,806 लोग, दारांग में 1,90,261, कछार में 1,45,926, बारपेटा में 1,31,041 और गोलाघाट में 1,08,594 लोग प्रभावित हैं। वर्तमान में, 39,338 प्रभावित लोग 698 राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं। वहीं, कामरूप (मेट्रो) जिले में अलर्ट जारी किया गया है, जहां ब्रह्मपुत्र, दिगारू और कोलोंग नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
मोरीगांव में ब्रह्मपुत्र और सहायक नदियों ने मचाई तबाही
एएसडीएमए के अनुसार, ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों के ऊफान पर होने से मोरीगांव जिले का बड़ा हिस्सा बाढ़ की चपेट में है, जिससे तीन राजस्व क्षेत्रों में 55,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। अपने दौरे के दौरान राज्यपाल कटारिया ने जिला आयुक्त देवाशीष सरमा को चिकित्सा सुविधाओं सहित राहत सामग्री के साथ बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचने का निर्देश दिया। वहीं, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से प्रभावित लोगों, विशेषकर वृद्धों, स्तनपान कराने वाली माताओं और शिशुओं को सहायता प्रदान करने को कहा। इस दौरान राज्यपाल ने बाढ़ से हुए नुकसान का भी जायजा लिया।