अरविंद केजरीवाल
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अदालत ने मुख्यमंत्री केजरीवाल की चिकित्सा जांच के लिए मेडिकल बोर्ड बनाने की मांग पर जेल प्रशासन से जवाब मांगा है। साथ ही जांच के दौरान उनकी पत्नी के वीडियो कॉन्फ्रेंस से शामिल होने पर भी जवाब मांगा है। अदालत ने इस मामले में ईडी द्वारा जवाब दाखिल करने की मांग को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा केजरीवाल वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी की हिरासत में नहीं इसलिए उसकी कोई भूमिका नहीं। केजरीवाल की जमानत पर 19 जून को सुनवाई होगी।
कोर्ट में केजरीवाल की तरफ से आवेदन दाखिल किया गया था। उन्होंने मेडिकल बोर्ड बनाने की मांग की थी। साथ ही उन्होंने यह मांग भी रखी कि उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल को अनुमति दी जाए कि वह केजरीवाल की स्वास्थ्य जांच के समय मेडिकल बोर्ड के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मौजूद रहें।
केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने इस आरोप में गिरफ्तार किया था कि वह 2021-22 के लिए अब समाप्त हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति में जानबूझकर खामियाँ छोड़ने की साजिश का हिस्सा थे, ताकि कुछ शराब विक्रेताओं को लाभ पहुँचाया जा सके।
ईडी ने आरोप लगाया है कि शराब विक्रेताओं से प्राप्त रिश्वत का इस्तेमाल गोवा में आम आदमी पार्टी (आप) के चुनावी अभियान के लिए किया गया था और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते केजरीवाल व्यक्तिगत रूप से और अप्रत्यक्ष रूप से धन शोधन के अपराध के लिए उत्तरदायी हैं। इसी मामले में गिरफ्तार किए गए अन्य आप नेताओं में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सांसद संजय सिंह (जमानत पर बाहर) शामिल हैं।
केजरीवाल 10 मई तक जेल में रहे, जब सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए उन्हें अंतरिम जमानत पर रिहा करने की अनुमति दी। शीर्ष अदालत द्वारा दी गई अंतरिम जमानत अवधि समाप्त होने के बाद वह 2 जून को जेल लौट आए। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने चिकित्सा आधार पर सात दिनों की अंतरिम जमानत की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया था। हालांकि, उस याचिका को न्यायाधीश बावेजा ने 5 जून को खारिज कर दिया था।