Angry Mob Attacks Sp Office In Manipur’s Kangpokpi, Many People Including Sp Injured Know All Updates – Amar Ujala Hindi News Live

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Angry mob attacks SP office in Manipur's Kangpokpi, many people including SP injured know all updates

सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : PTI

विस्तार


मणिपुर के कांगपोकपी जिले में उग्र भीड़ ने शुक्रवार शाम पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय पर हमला कर दिया। हमले में एसपी एम प्रभाकर, कुछ पुलिसकर्मी और प्रदर्शनकारी घायल हो गए। भीड़ का एसपी पर आरोप है कि वह इंफाल पूर्वी जिले की सीमा पर स्थित सैबोल गांव से केंद्रीय बलों को हटाने में विफल रहे।

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एक अधिकारी ने बताया कि उग्र भीड़ ने गांव में केंद्रीय बलों विशेषकर बीएसएफ और सीआरपीएफ की लगातार तैनाती पर अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए एसपी कार्यालय पर पत्थर और अन्य चीजें फेंके। हमलावरों ने एसपी कार्यालय परिसर में रखे जिला पुलिस के वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। एसपी प्रभाकर माथे पर किसी चीज के लगने से घायल हो गए। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया। भीड़ को नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त केंद्रीय बलों को घटनास्थल पर भेजा गया।

कांगपोकपी जिला मुख्यालय समिति ऑन ट्राइबल यूनिटी (सीओटीयू) सदार हिल्स के नेतृत्व में शुक्रवार सुबह से ही प्रदर्शन हो रहा था। समिति ने पुलिस को तीन घंटे का समय दिया था। जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उग्र भीड़ ने एसपी कार्यालय पर हमला कर दिया।

सुबह से जारी था प्रदर्शन

जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार सुबह से कांगपोकपी जिला मुख्यालय समिति ऑन ट्राइबल यूनिटी (सीओटीयू) सदर हिल्स के नेतृत्व में एक विशाल शुरू कर दिया था। यह विरोध सुरक्षा बलों की घाटी के सैबोल, बंगपी और लुंगटिन में तैनाती के विरोध में था, जिसमें कूकी-जो समुदाय के हजारों सदस्य, जिनमें मुख्य रूप से महिलाएं थीं। सूत्रों के मुताबिक, धरना प्रदर्शन के बाद समिति ने पुलिस को तीन घंटे का समय दिया था। बताया जा रहा है कि तीन घंटा समय बीतने के बाद जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उग्रभीड़ ने एसपी कार्यालय पर हमला बोल दिया। इसके खिलाफ पहले से ही आर्थिक नाकाबंदी और 24 घंटे की पूर्ण हड़ताल जारी थी।

पुलिस की निष्क्रियता के कारण हुआ हमलाः समिति

कुकी संगठनों ने आरोप लगाया कि हमला पुलिस अधिकारी की निष्क्रियता के कारण हुआ। उन्होंने सैबोल गांव से केंद्रीय बलों को हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। सैबोल गांव में स्थिति लगातार तनावपूर्ण बनी हुई है।

इस वजह से विरोध-प्रदर्शन

समिति का आरोप है कि सुरक्षाबलों ने पिछले महीने दिसंबर में समुदाय के बंकरों पर कब्जे के खिलाफ विरोध कर रही कुकी-जो महिलाओं पर आंसू गैस और शारीरिक हमले किए। इसमें 15 महिलाएं घायल हो गईं, जिनमें से तीन की हालत गंभीर है। इससे क्षेत्र में आक्रोश को और बढ़ गया। इस घटना के बाद समिति ने 31 दिसंबर तक सुरक्षाबलों को हटाने की चेतावनी दी थी।



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