
वॉशिंगटन डीसी प्रेस क्लब में पत्रकार, राजनीतिक कार्यकर्ता और लेखक
– फोटो : एएनआई
विस्तार
लेखकों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और पत्रकारों ने वॉशिंगटन डीसी प्रेस क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम में पड़ोसियों के साथ पाकिस्तान के बिगड़े संबंधों पर चर्चा की। यह कार्यक्रम ‘अमेरिकन फ्रेंड्स ऑफ गिलगित एंड मुजफ्फराबाद’ (एएफजीएम) की ओर से आयोजित किया गया था।
एएफजीएम ने एक बयान में कहा कि कार्यक्रम में क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव से पैदा हुई विभिन्न प्रकार की चुनौतियों, खासकर पाकिस्तान और पड़ोसी देशों में जातीय और धार्मिक अल्पसंखय्कों पर इसके प्रभाव पर फोकस किया गया। कार्यक्रम के प्रमुख वक्ताओं में ब्रैडली थायर भी शामिल थे। जिन्होंने चीन में साम्यवाद के उभार और देश के भीतर जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यको पर इसके प्रभावों के बारे में बात की।
कार्यक्रम में पूर्वी तुर्किस्तान के नेता सालह हुदयार ने शिनजियांग में चीन की आक्रामक नीतियों और उइगर समुदाय पर इसके असर के साथ-साथ इसमें पाकिस्तान की मिलीभगत पर प्रकाश डाला। वहीं, नगवांग ताशी ने तिब्बत पर चीन के कब्जे के लद्दाख जैसे पड़ोसी क्षेत्रों पर पड़ रहे प्रभावों पर प्रकाश डाला।
वहीं, पश्तून तहाफ्पुज मूवमेंट (यूएस) के प्रमुख हिजबुल्लाह काकर ने प्राकृति संसाधनों के दोहन में पाकिस्तानी सेना और चीन के बीच सहयोग पर प्रकाश डाला। प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के कारण पश्तून समुदाय के लोगों को विस्थापन का सामना करना पड़ा और वह हाशिए पर चला गया।