Jharkhand High Court Stays The Result Of Jssc Recruitment Exam, Orders Police To Submit Report – Amar Ujala Hindi News Live

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Jharkhand High Court stays the result of JSSC recruitment exam, orders police to submit report

झारखंड हाईकोर्ट
– फोटो : ANI

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झारखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) के सितंबर में आयोजित भर्ती परीक्षा के अंतिम परिणाम पर रोक लगा दी है। अदालत ने सरकार को यह भी आदेश दिया कि वह सुनिश्चित करे कि उम्मीदवारों की ओर से प्रश्नपत्र लीक की शिकायत पर पुलिस एफआईआर दर्ज करे और जांच करे। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ प्रकाश कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। 

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अदालत ने पुलिस को इस मामले में एक रिपोर्ट पेश करने का भी आदेश दिया। मामले की सुनवाई अगले साल 22 जनवरी को फिर होगी। झारखंड सामान्य स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (जेजीजीएलसीसीई) 21 और 22 सितंबर को आयोजित की गई थी, जिसमें 3.04 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे। जेजीजीएलसीसी परीक्षा को लेकर उम्मीदवारों का एक वर्ग विरोध कर रहा है। आरोप है कि इसके जरिये ज्यादातर सरकारी जूनियर स्तर के पदों पर भर्ती की जाएगी। साथ ही परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है।

उम्मीदवार सीबीआई जांच की मांग कर रहे

इस मामले में राजेश प्रसाद नामक व्यक्ति ने ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें पुलिस से जांच और कार्रवाई की मांग की गई थी। हालांकि, पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद याचिकाकर्ता प्रकाश कुमार ने हाईकोर्ट का रुख किया और जनहित याचिका के जरिए मामले की सीबीआई या न्यायिक जांच की मांग की।

अदालत को बताया गया कि राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया है, लेकिन टीम की कार्रवाई पारदर्शी नहीं लगती। याचिकाकर्ता ने कहा कि एसआईटी द्वारा की गई कोई भी जांच भी सामने नहीं आई, इसलिए सीबीआई से इसकी निष्पक्ष तरीके से जांच कराने की मांग की जाती है।

अदालत ने परीक्षा के परिणाम पर ऐसे समय में रोक लगाई है, जब आयोग ने सोमवार को दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की थी। जेएसएससी ने 16 से 22 दिसंबर के बीच दस्तावेज सत्यापन के लिए चयनित 2,231 अभ्यर्थियों को बुलाया था। दस्तावेज सत्यापन के विरोध में कुछ अभ्यर्थी सोमवार को जेएसएससी कार्यालय के पास एकत्र हुए। उन्होंने कहा कि जब मामला उच्च न्यायालय में लंबित है, तो आयोग को दस्तावेज सत्यापन नहीं करना चाहिए।



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