झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को कहा कि राज्य में झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान राज्य के विकास की मजबूत नींव रखी गई थी और अब प्रगति को गति देने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल संतोष गंगवार की तरफ से बुधवार को विधानसभा में दिया गया भाषण सरकार का ‘श्वेत पत्र’ था, जो स्पष्ट रूप से सरकार की दूरदर्शिता और दिशा को दर्शाता है।
‘राज्य सचिवालय से नहीं बल्कि गांवों से चलेगी सरकार’
सीएम सोरेन ने सदन में राज्यपाल के भाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा, ‘हमने 2019 के बाद पिछले कार्यकाल के दौरान राज्य के समग्र विकास के लिए एक मजबूत नींव रखी है। अब, नींव पर एक इमारत बनाने का समय है। बहुत जल्द शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और अन्य क्षेत्रों में अवसर दिखाई देंगे।’ उन्होंने दोहराया कि उनकी सरकार राज्य सचिवालय से नहीं बल्कि गांवों से चलेगी।
‘हमारी सरकार समाज के सभी वर्गों के लिए करेगी काम’
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि जब तक ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार नहीं होगा, तब तक राज्य के सर्वांगीण विकास की उम्मीद नहीं की जा सकती। इस सरकार ने हमेशा गरीबों, आदिवासियों, दलितों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के लिए काम किया है और आगे भी करती रहेगी।’ सीएम सोरेन ने दावा किया कि 2019 में झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन के सत्ता में आने के बाद राज्य में बुनियादी ढांचे, पर्यटन और रोजगार सृजन समेत कई क्षेत्रों में वास्तविक बदलाव देखे गए।
‘इस कार्यकाल में विपक्ष से सहयोग की उम्मीद’
इस दौरान उन्होंने भाजपा पर हमला करते हुए दावा किया कि 2019 से पहले लोग भूख से मर रहे थे और किसान आत्महत्या कर रहे थे, जब भगवा पार्टी राज्य में शासन कर रही थी। उन्होंने कहा, ‘2019 से पहले लोग खुश नहीं थे। 2019 में गठबंधन सरकार बनने के बाद सरकार ने लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाने का काम किया।’ मौजूदा कार्यकाल में विपक्ष से सहयोग की उम्मीद करते हुए सोरेन ने कहा कि पिछले पांच सालों में उनकी सरकार को गिराने की कोशिश की गई।
धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान जमकर गहमागहमी
बता दें कि, राज्य में सदन की कार्यवाही सुबह करीब 11 बजे शुरू होने के तुरंत बाद झामुमो विधायक स्टीफन मरांडी ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया। विधानसभा में उस समय भी हंगामा हुआ जब भाजपा विधायक झामुमो विधायक हेमलाल मुर्मू की भगवा खेमे के नेताओं पर कथित अपमानजनक टिप्पणी के विरोध में सदन के वेल में आ गए।
जेएमएम विधायक के बयान को रिकॉर्ड से हटाया गया
स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने उन्हें शांत करने की कोशिश की और कहा कि जेएमएम विधायक ने गलती की है, जिसे रिकॉर्ड से हटा दिया गया है। इस पर बीजेपी विधायक नीरा यादव ने कहा, ‘सदन में 12 महिलाएं हैं। हम इस तरह के असंसदीय शब्दों को स्वीकार नहीं कर सकते। हम चाहते हैं कि जेएमएम विधायक माफी मांगें।’ वरिष्ठ बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने स्पीकर से आग्रह किया कि उन्हें इसका पुरजोर विरोध करना चाहिए।
बाबूलाल मरांडी ने उठाया कानून व्यवस्था का मुद्दा
बाबूलाल मरांडी ने अपने भाषण के दौरान सदन में कथित जनसांख्यिकी परिवर्तन, बिगड़ती कानून व्यवस्था और बालू के संकट का मुद्दा उठाया। कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने हाल के चुनाव प्रचार के दौरान लोगों को धोखा देने और झारखंड में सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट करने की कोशिश की।
हमारी सरकार ‘अबुआ सरकार’ है- कल्पना सोरेन
वहीं झामुमो विधायक हेमलाल मुर्मू ने दावा किया कि भाजपा एक ‘अस्वीकार’ ताकत बन गई है और झारखंड के मतदाताओं ने चुनावों में ‘उन्हें सबक सिखाया’। इस दौरान झामुमो विधायक कल्पना सोरेन ने कहा, ‘हमारी सरकार ‘अबुआ सरकार’ है और यह हाल के विधानसभा चुनावों के दौरान किए गए सभी वादों को पूरा करेगी।’ इसके बाद में झारखंड विधानसभा ने राज्यपाल के भाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया।